अतीक की हत्या पर सिब्बल ने उठाए सवाल, ‘सफाये की कला’ करार दिया
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर सोमवार को कई सवाल उठाते हुए पूछा कि जब कोई आपात स्थिति नहीं थी तो पुलिस उन्हें रात 10 बजे चिकित्सा जांच के लिए क्यों ले गई और वहां ‘मीडिया का प्रवेश’ क्यों था?
माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात तीन लोगों ने खुद को पत्रकार बताकर उस वक्त गोली मार दी थी, जब वे चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अतीक और अशरफ (सफाये की कला)।
सवाल :
- 1) चिकित्सा जांच के लिए रात 10 बजे?
- 2) कोई चिकित्सा आपातकाल नहीं
- 3) पीड़ितों को पैदल क्यों ले जाया गया
- 4) मीडिया के लिए खुला?
- 5) हत्यारे घटनास्थल पर एक-दूसरे से अंजान थे? 6) 7 लाख से ऊपर के हथियार
- 7) गोली मारने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित! 8) तीनों ने आत्मसमर्पण कर दिया।’’
हमलावरों को गोलीबारी के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। यह पूरी घटना कैमरे की मौजूदगी में हुई। रविवार को तीन हमलावरों बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) को जिला अदालत में पेश किया गया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
प्राथमिकी के अनुसार, तीनों शूटरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए अहमद भाइयों की हत्या की। पुलिस ने कहा कि हमलावर पत्रकारों के एक समूह में शामिल हो गए थे, जो अहमद भाइयों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अचानक अपना कैमरा गिरा दिया और बंदूकें निकाल लीं। उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों भाइयों की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। अहमद बंधुओं की सनसनीखेज हत्या पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसके शासन में उत्तर प्रदेश में ‘जंगलराज’ और ‘माफिया राज’ कायम है।