
वक्फ संपत्ति और उसके प्रबंधन से जुड़े विवादास्पद वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई सोमवार को टल गई। सुनवाई के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा, “ऐसी याचिकाओं पर मैं आदेश नहीं दे पाऊंगा।” उनका यह बयान कई सवाल खड़े कर रहा है और कानूनी जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से मांग की थी कि वक्फ संशोधन कानून को संविधान के खिलाफ बताते हुए निरस्त किया जाए। उनका तर्क था कि यह कानून संपत्ति के अधिकार, धर्मनिरपेक्षता और समानता जैसे मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है। हालांकि, CJI ने स्पष्ट किया कि यह एक “वृहद और संवेदनशील” मुद्दा है, जिस पर अदालत को फिलहाल कोई अंतरिम आदेश देने से बचना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि अदालत इस मामले को बेहद संवेदनशील और संभावित रूप से राजनीतिक मान रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों पर फैसला लेने से पहले गंभीर विचार और व्यापक सुनवाई जरूरी है, ताकि देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल असर न पड़े।
इस टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता पक्ष ने मामले को बड़ी बेंच के सामने रखने की मांग की। अदालत ने सुनवाई को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया है, लेकिन यह तय है कि वक्फ कानून को लेकर देश में कानूनी और सामाजिक बहस अब और तेज़ हो जाएगी।
गौरतलब है कि वक्फ बोर्ड को दी गई शक्तियों और संपत्ति पर उसके नियंत्रण को लेकर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। अब जब मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच चुका है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में अदालत क्या रुख अपनाती है।