

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 2025 तक भारत को टीबी (तपेदिक) मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में सभी नागरिकों से सक्रिय भागीदारी की अपील की है। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए सरकार के प्रयासों को समाज के हर स्तर पर समर्थन मिलना चाहिए। राष्ट्रपति मुर्मु ने टीबी को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया और हर व्यक्ति से इस बीमारी को समाप्त करने के लिए संकल्प लेने की बात कही।
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मेघालय ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार की प्रक्रिया को और तेज़ करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मेघालय ने टीबी के खिलाफ एक समग्र स्वास्थ्य योजना शुरू की है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम, मुफ्त इलाज की सुविधा और मरीजों की निरंतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ठोस उपाय शामिल हैं।
इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि टीबी के मामलों में कमी आएगी और भारत 2025 तक इस बीमारी से पूरी तरह मुक्त हो सकता है। राष्ट्रपति मुर्मु के नेतृत्व में सरकार और राज्य स्तरीय पहलें भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।