
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। अब किसी भी आतंकी हमले को सीधे तौर पर युद्ध की श्रेणी में रखा जाएगा। यह फैसला मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। इससे सुरक्षा बलों को कठोर प्रतिक्रिया देने का कानूनी आधार मिलेगा और पड़ोसी देशों को भी कड़ा संदेश जाएगा कि भारत अब किसी भी प्रकार के आतंकी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेगा।
सरकार के इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर पहले हमला करने की नीति भी अपना सकता है। इससे सुरक्षा एजेंसियों को अधिकार मिलेगा कि वे आतंकी घटनाओं को केवल आपराधिक कृत्य न मानकर सैन्य दृष्टिकोण से देखें और कार्रवाई करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय पाकिस्तान जैसे देशों पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, जो आतंकवाद को अपनी रणनीतिक नीति का हिस्सा मानते हैं। ऐसे में भारत की नई नीति न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक सशक्त संदेश भेजेगी।
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पूर्व सैन्य अधिकारियों और रणनीतिकारों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह नीति सेना को अधिक स्वतंत्रता प्रदान करेगी और सीमावर्ती इलाकों में आतंकी गतिविधियों पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। इससे आतंकी संगठनों और उन्हें समर्थन देने वाले देशों की रणनीति पर भी असर पड़ेगा।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश में आतंकी घटनाओं को लेकर जनाक्रोश बढ़ रहा था। जनता लंबे समय से चाह रही थी कि आतंक के खिलाफ कठोर और निर्णायक कदम उठाया जाए। अब यह कदम सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है और देशवासियों में सुरक्षा की भावना को भी मज़बूत करेगा।