कुल वोटों की संख्या का करीब 14 प्रतिशत वोट यूपी के पास है। क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा और अधिक जनसंख्या वाला राज्य है।
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की भूमिका देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव (President Election 2022) में सबसे अहम है। आपको बताते चलें कि वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) का कार्यकाल अगले महीने 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इसी कड़ी में नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है। जिसके लिए एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार झारखंड की पूर्व राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। वही दूसरी तरफ विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पूर्व बीजेपी नेता और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने अपनी दावेदारी पेश की।
किसको है वोट डालने का अधिकार?
देश के प्रथम नागरिक (राष्ट्रपति) पद के चुनाव के लिए देश के सांसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक वोट डालते है। ऐसे में यदि विधायकों की संख्या की बात करें, तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश का नाम आता है। कुल वोटों की संख्या का करीब 14 प्रतिशत वोट यूपी के पास है। क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा और अधिक जनसंख्या वाला राज्य है।
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यूपी में वोटों का समीकरण
उत्तर प्रदेश की कुल 403 विधानसभा सीट है। जिसमें बीजेपी और सहयोगी दलों के 273 विधायक है। बीजेपी और उनके सहयोगियों दलों के एक विधायक का मूल्य 208 के हिसाब से 56784 होता है। वही दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी गठबंधन के विधायकों की संख्या की तरफ नजर डाले, तो उनके कुल 125 विधायकों के वोट का मूल्य मात्र 26000 है। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावना अधिक है। यदि मुर्मू यह चुनाव जीतती है, तो वह देश की प्रथम आदिवासी एवं दूसरी महिला राष्ट्रपति बनेगी।
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