उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने के बाद बरेलवी मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस पर अपनी सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यूसीसी पर अमल करने में कोई ऐतराज नहीं है, अगर यह सभी नागरिकों के समान अधिकारों की रक्षा करता है और समाज में समानता को बढ़ावा देता है। उनका मानना है कि कानून का पालन करते हुए यदि यह व्यवस्था सभी समुदायों के लिए फायदेमंद साबित होती है, तो इसका समर्थन किया जा सकता है।
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रजवी का यह बयान उस समय आया है जब UCC को लेकर देशभर में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस छिड़ी हुई है। उनके इस रुख को देखकर यह संकेत मिलता है कि अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना है, तो कई धार्मिक नेता इस पर सहमति व्यक्त कर सकते हैं। इस मुद्दे पर राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, लेकिन रजवी का बयान इस विषय को और ज्यादा चर्चा में ला रहा है।