अमित शाह की रणनीति और प्रधानमंत्री के चेहरा, पचास प्रतिशत आबादी पर भाजपा का राज
- विश्व के सबसे श्रेष्ठ रणनीतिकार हैं अमित शाह
- विश्व स्तरीय नेताओं में सबसे श्रेष्ठ हैं नरेंद्र मोदी, जनता आंख मूंदकर करती है विश्वास
- बढ़ रहा प्रधानमंत्री के चेहरे पर विश्वास, बूथ अध्यक्ष तक पकड़ बनाते अमित शाह
- प्रधानमंत्री की गारंटी और चाणक्य की भूमिका में अमित, 2024 में भी होगी जीत
- छोटी-छोटी बातों पर देते हैं ध्यान, जनता ने बढ़ाया सम्मान
स्वाती सिंह
तीन राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत पक्की कर दी है। यह कहना इसलिए उपयुक्त है कि इन विधानसभाओं का चुनाव भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर ही लड़ा गया था और लोकसभा का चुनाव भी उन्हीं के नाम पर लड़ा जाना है। जहां हर मीडिया का सर्वे छत्तीसगढ़ में भाजपा की हार बता रहा था, उसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीत में बदल दिया।
इसके साथ ही मध्य प्रदेश की प्रचंड जीत के पीछे चाणक्य की भूमिका में रहने वाले राष्ट्रीय स्तर पर रहते हुए भी बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संपर्क करने की क्षमता कोई रखता है तो वह हैं, गृहमंत्री अमित शाह। मध्य प्रदेश में भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं ने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संपर्क साधा और पिछले चुनावों में हारे हुए बूथों को मजबूत करने की चर्चा की और आज उसे विजय में तब्दील कर दिया। अमित शाह हमेशा छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान देते हैं, जिसके कारण जनता ने भाजपा का सम्मान बढ़ाया। आज की तिथि में कहा जाय तो विश्व के किसी भी रणनीतिकार में अमित शाह सर्वश्रेष्ठ हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पूरे चुनाव के दौरान हर जगह निगाहें गड़ाकर एक-एक कदम बढ़ाते रहे और कार्यकर्ताओं से हमेशा संपर्क बनाकर रहे। भाजपा की यही खूबरसूरती है कि यहां कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता। हर पदाधिकारी एक कार्यकर्ता होता है। जनता की सेवा के लिए होता है। यहां अहम के लिए कोई जगह नहीं है।
भाजपा ने कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की। हमेशा राष्ट्र को भाजपा ने सर्वोपरि माना और उसी के अनुसार कार्य किया। उसके लिए जीत-हार मायने नहीं रखती, जनता का हित मायने रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में लाने के लिए दिन-रात जतन कर रहे हैं। वहीं गरीबों के लिए उनका दिल धड़कता रहता है। यही कारण है कि जनता भी उनकी हर बात पर विश्वास करती है। एक बार उन्होंने कहा कि सिर्फ कमल ही चेहरा है और जनता ने तीन राज्यों में भाजपा को बहुमत दे दिया।
यह भाजपा कार्यकर्ताओं और अमित शाह जैसे नीति निर्धारक कुशल योजनाकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा विश्वव्यापी चेहरे का परिणाम है कि 39 साल पहले 1984 के आम चुनाव में भाजपा को केवल दो सीटें ही हासिल हुई थी, वह पार्टी अब न केवल 12 राज्यों को नियंत्रित करती है, बल्कि यह देश की 41 प्रतिशत आबादी पर भी शासन कर रही है। वहीं, बात करें गठबंधन सरकारों की तो उसमें 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या पर शासन करती है। उम्मीद है कि 2024 के आम चुनावों में भाजपा को गठबंधन से भी समर्थन मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता से किये हर वादे को निभाने के लिए दिन-रात एक करना। भ्रष्टाचार के लिए लड़ने के साथ ही विपक्ष की नकारात्मक राजनीति भी भाजपा को ऊपर पहुंचाने में आज योगदान कर रही है। कई बार विपक्ष भाजपा की बुराई करते-करते अपने दुश्मन देशों के गुणगान करने से भी गुरेज नहीं करता। अपने जवानों के हौसले तोड़ने के लिए तो कांग्रेस आये दिन वक्तव्य देती रहती है। आज जनता सब कुछ देख रही है और राष्ट्र प्रेम से अभिभूत होकर वह भाजपा को वोट कर रही है। यदि विपक्ष इसी तरह की भूमिका निभाता रहा तो आने वाले दिनों में कई दशकों तक भाजपा सत्ता में बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की शाम पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना विजयी भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि इस हैट्रिक ने 2024 की जीत की गारंटी दी है। आज का जनादेश साबित करता है कि लोगों में भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और वंशवादी राजनीति के प्रति शून्य सहिष्णुता है।’ यह अक्षरश: सत्य है और सबके सामने दिख रहा है। पूरा विपक्ष मिलकर भी भाजपा को हरा नहीं सकता। इस चुनाव के बाद विपक्ष खुद ही बिखराव की ओर भी आगे बढ़ने लगेगा, क्योंकि विपक्ष सिर्फ स्वार्थ में गठबंधन कर रहा है। उसका मनोवैज्ञानिक एका नहीं है। आज अधिकांश वहीं पार्टियां कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन बना रही हैं, जो कभी कांग्रेस से विद्रोह कर अलग हुई थीं।
राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ पर भी भाजपा ने एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत की, जिसके बाद देश के 12 राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मणिपुर, गोवा और अरुणाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार है। वहीं, भाजपा की गठबंधन सरकारें महाराष्ट्र, मेघालय, नागालैंड और सिक्किम में फैली हुई हैं। कांग्रेस केवल तीन राज्यों में कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश पर शासन कर रही है। यहां देश की आबादी का केवल 8.51 प्रतिशत हिस्सा शामिल है। वहीं, बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन है, जो कि 19.84 प्रतिशत आबादी पर शासन कर रही है। राजस्थान की हार और छत्तीसगढ़ में उलटफेर से कांग्रेस की शक्ति कमजोर हो गयी,जिसके बाद उसके गठबंधन के लोग ही उसको धमकी देने में जुट गये हैं। अब कांग्रेस अपने घर को सहेजने में जुट जाएगी।
(लेखिका पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं।)