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प्रधानमंत्री की वैश्विक लेाकप्रियता और सम्मान

मृत्युंजय दीक्षित


लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की सीटें कम रह जाने पर देश में निराशा का वातावरण था और विरोधी दल गठबंधन सरकार अब गई तब गई का कयास लगाकर इस निराशा को बढ़ाया करते थे किंतु हरियाणा विधान सभा चुनावों ने देश को उस निराशा से उबार लिया। विपक्ष की सरकार को लेकर की जा रही सभी राजनैतिक बयानबाजियों के मध्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की लिए संकल्पवान होकर एक सच्चे कर्मयोगी की तरह अपने काम में लगे हैं और विदेश यात्राएं भी कर रहे हैं। विदेश यात्राओं में प्रधानमंत्री मोदी भारत की विकास यात्रा का वर्णन करते हुए विभिन्न राष्ट्रों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने का सफल प्रयास कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार शपथ ग्रहण के साथ ही त्वरित गति से अशांत वैश्विक वातावरण को शांत करने के अभियान में लग गये हैं। पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है क्योंकि ऐसा मन जा रहा है कि नरेन्द्र मोदी ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो रूस- यूक्रेन युद्ध का समापन करवा सकते हैं और इजराइल और अरब देशों के बीच बढ़ रहे तनाव को भी कम करवा सकते हैं। अपने तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक नेताओं के साथ लगातार संपर्क में हैं। अमेरिका में रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शानदार वापसी से इस बात को और बल मिला है क्योंकि मोदी और ट्रम्प के व्यक्तिगत सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक लोकप्रियता का नुमन इसी से लगाया जा सकता है कि अभी वे नाइजीरिया के दौरे पर हैं और उनको को नाइजीरिया सरकार ने अपने सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार “ग्रैंड कमांडर आफ द आर्डर आफ द नाइजर“ से सम्मानित किया है। इससे पूर्व यह सम्मान केवल ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ को ही मिला था। इसके साथ साथ उन्हें नाइजीरिया की राजधानी अबुजा की चाबी भी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री मोदी का ही यह प्रयास था कि अफ्रीकी देशों के विकास की गति को तीव्र बनाने के लिए उन्हें जी -20 समूह में शामिल कराया गया। नाइजीरिया के समाचार पत्रो में मोदी जी की यात्रा छाई हुई है यही हाल ब्राजील और गुयाना का भी है।

प्रधानमंत्री मोदी को विगत सप्ताह ही कैरिबियाई देश डोमिनिका ने अपना सर्वोच्च सम्मान “डोमिनिका अवार्ड आफ आनर“ प्रदान करने की भी घोषणा की है। यह सम्मान कोविड -19 महामारी के दौरान डोमिनिका के लिए मोदी के योगदान और दोनों देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने में उनके योगदान की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है। डोमिनिका सरकार का कहना है कि फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड -19 वैक्सीन की 70 हजार खुराक की आपूर्ति की थी।

प्रधानमंत्री मोदी को 14 देशों से 17 सम्मान मिल चुके हैं। इन सर्वोच्च नागरिक सम्मानों के अलावा उन्हें प्रसिद्ध वैश्विक संगठनों की ओर से भी कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की लाकेप्रियता अरब देशों में भी है। अप्रैल 2016 में सऊदी अरब ने उन्हें अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर सम्मानित किया था और 2016 में ही अफगानिस्तान सरकार ने अफगानिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान स्टेट आर्डर आफ गाजी अमीर अमानुल्लह खान से सम्मानित किया गया। 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने फिलीस्तीन यात्रा की और उन्हें ग्रैंड कालर आफ द स्टेट आफ फिलीस्तीन अवार्ड से सम्मानित किया गया जो जो विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए फिलीस्तीन का सर्वोच्च सम्मान है।

2019 में प्रधानमंत्री मोदी को यूएई के सर्वोच्च सम्मान आर्डर आफ जायद अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान भारत और यूएई के मध्य घनिष्ठ संबंधों का प्रमाण है।रूस ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान आर्डर आफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से भी समानित किया। 2019 में मालदीव ने भी मोदी जी को आर्डर आफ द डिस्टिंविश्वड रूल आफ मिशन इज्जुददीन से सम्मानित किया।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2020 में लीजन आफ मेरिट से सम्मानित किया जो असाधारण सेवा और उपलब्धियों के लिए अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा दिया जाने वाला सम्मान है। उन्हें मिस्र की सरकार ने भी सम्मानित किया। भूटान ने दिसंबर 2021 में पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान आर्डर ऑफ द डुक ग्यालपो से सम्मानित किया। यह पुरसकार मार्च 2024 में भूटान की यात्रा के दौरान प्रदान किया गया। वहीं 13 जुलाई 2023 को फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉ की उपस्थिति में पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च पुरस्कार ग्रैंड क्रास ऑफ द लीजन ऑफ आनर से सम्मानित किया गया। प्राप्त होने वाले प्रत्येक सम्मान को प्रधानमंत्री मोदी 140 करोड़ देशवासियों का समर्पित करते हैं और कहते हैं कि यह 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान है।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व व उनके प्रति सम्मान का ही परिणाम था कि कतर में फांसी की सजा पाए आठ नागरिकों की सकुशल रिहाई हो सकी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का ही प्रतिफल है कि आज कोई भी देश भारत के प्रति नकारात्मक विचार अधिक दिनों तक नहीं रख पा रहा है। यदि किसी देश की सरकार या कोई नेता भारत अथवा भारत की संस्कृति के विरुद्ध षड्यंत्र रचता है तो वह अंधकारयुग में प्रवेश कर जाता है। वर्तमान समय में बांग्लादेश और कनाडा इसका उदाहरण हैं।

अपनी यात्राओ के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने का सफल प्रयास करने के साथ साथ भारत के पर्यटन उद्योग को सुदृढ़ करने और निवेश बढ़ाने के लिए भी विदेशी नागरिकों को भारत आमंत्रित करते हैं। अपनी ताजा यात्राओें में प्रधानमंत्री मोदी विदेशी अतिथियों को महाकुंभ- 2025 में आने का निमंत्रण दे रहे हैं और बता रहे हैं कि प्रयगराज के पास ही अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि का भव्य मंदिर भी है तो उपस्थित समुदाय सहर्ष ही भारत माता की जय के नारे लगाने लगता है। प्रधानमंत्री मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग थलग कर दिया है।

अमेरिका ने भारत की 1440 वह कलाकृतियां वापस कर दी हैं जिन्हें कभी चुराकर बाजार में बेचा गया था। भारत सरकार ब्रिटेन में गिरवी रखा गया सोना वापस लाने में सफल रही है। भारत की ताकत ने ही भारत और चीन के मध्य शांति वार्ता का रास्ता खोला है। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना की धमक पूरे विश्व में सुनाई पड़ रही है। यह देखकर आश्चर्य हो सकता है कि भारत में विरोधी दलों के अनर्गल प्रचार के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से आज विश्व भर में सनातन का सूर्योदय हो रहा है।

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