महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का होना बना रहा है शुभ संयोग
- शनि प्रदोष में भगवान शिव की पूजा से मिलती है शनि की अनुकूलता
महाशिवरात्रि पर अबकी बार भक्तों को दो गुना लाभ पाने का मौका दे रहे हैं भगवान भोलेनाथ। महाशिवरात्रि के साथ ही इस बार शनि प्रदोष व्रत का भी संयोग बना है, तो ऐसे में शिवभक्तों को महाशिवरात्रि व्रत पूजा से शनि प्रदोष का भी लाभ मिलेगा, जो शनि की प्रतिकूल स्थिति से भी रक्षा रहेगा। यह बात श्रीमनकामेश्वर मंदिर क महंत दैव्यागिरी ने बताई। महाशिवरात्रि 18 फरवरी को पड़ रही है।
उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के साथ शनि प्रदोष का होना ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से बहुत शुभ और शनि दोष नाशक योग माना जाता है। बताया कि शनि प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ रखा जाता है। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष होने से भगवान शिव जल्द ही मनोकामना पूर्ण करते हैं। इसके साथ यह व्रत शनि दोष दूर करने में बहुत ही उत्तम माना गया है। महाशिवरात्रि पर जल में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करने से आपको शनि की महादशा से राहत मिलेगी।
महंत ने बताया कि 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर शाम 5 बजकर 42 मिनट से 19 फरवरी को सूर्योदय तक सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में शिवजी की पूजा करने से और व्रत रखने से आपको परमसिद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, व्यापार या फिर नौकरी में नई शुरुआत करना अच्छा परिणाम देने वाला माना गया है।