
आईसीसी ने भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को हेडिंग्ले में खेले गए मैच के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर फटकार लगाई है। पंत अंपायर से बॉल नहीं बदलने को लेकर भड़के थे, जो आईसीसी के खेल नियमों के खिलाफ था। इस व्यवहार के कारण पंत को एक डिमेरिट पॉइंट दिया गया है। यह कदम खिलाड़ियों को मैदान पर अनुशासन बनाए रखने के लिए नियमों का पालन करने की सीख देने के लिए उठाया गया है। इस घटना ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है और दर्शाता है कि आईसीसी किसी भी स्तर पर नियम उल्लंघन को गंभीरता से लेती है।
हेडिंग्ले में मैच के दौरान जब पंत ने अंपायर से बॉल बदलने की मांग की थी और वह अनुरोध पूरी नहीं हुई, तो पंत ने अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि, क्रिकेट के नियमों के अनुसार अंपायर का निर्णय अंतिम माना जाता है और खिलाड़ियों को उसका सम्मान करना आवश्यक होता है। पंत का यह व्यवहार नियमों के उल्लंघन के दायरे में आता है, जिसके चलते ICC ने उन्हें डिमेरिट पॉइंट देकर सख्त चेतावनी दी है।
डिमेरिट पॉइंट मिलने के बाद पंत को भविष्य में अपनी प्रतिक्रिया पर नियंत्रण रखने और मैच अधिकारियों के निर्णयों का सम्मान करने का संदेश मिला है। ICC का कहना है कि खिलाड़ियों का मैदान पर अनुशासन बनाए रखना खेल की गरिमा के लिए जरूरी है। ऐसे नियम खिलाड़ियों को उचित व्यवहार के लिए प्रेरित करते हैं, ताकि क्रिकेट एक सम्मानजनक और निष्पक्ष खेल बना रहे।
इस घटना के बाद पंत ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी और माना कि मैच के दौरान उनका व्यवहार थोड़ा गरम था, लेकिन उनका उद्देश्य केवल खेल के नियमों के सही पालन को सुनिश्चित करना था। उन्होंने कहा कि वह भविष्य में और भी संयमित रहेंगे और टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
आईसीसी के इस कदम को क्रिकेट कम्युनिटी ने भी काफी गंभीरता से लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि खिलाड़ियों को मैदान पर अनुशासन बनाए रखना चाहिए, क्योंकि उनका व्यवहार युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक उदाहरण होता है। इस फटकार से पंत समेत सभी खिलाड़ियों को यह सीख मिली है कि भावनाओं को नियंत्रित रखना खेल का अहम हिस्सा है।