
आईसीसी महिला विश्व कप 2022 में शनिवार 19 मार्च का दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. विश्व कप में अभी तक उतार-चढ़ाव भरा प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम के सामने उसकी सबसे मुश्किल चुनौती है- ऑस्ट्रेलिया. टूर्नामेंट में अभी तक लगातार चारों मैच जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दर्ज करना भारतीय टीम के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे टीम इंडिया की राह कुछ आसान हो जाएगी, लेकिन इस काम को अंजाम देना आसान नहीं है. खिताब के साथ अपने करियर पर पर्दा गिराने की उम्मीद कर रहीं कप्तान मिताली राज और झूलन गोस्वामी के साथ ही टीम इंडिया के बाकी सदस्यों को भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. टीम इंडिया ने अभी तक 4 में से दो मैच जीते हैं और दो हारे हैं.
2017 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में चौंकाने के बाद से भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ज्यादा सफलता नहीं मिली है. पिछले साल टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था और वहां बेहतर प्रदर्शन करते हुए नजदीकी मुकाबले खेले थे, जिसमें एक वनडे में टीम इंडिया को जीत मिली थी, जबकि एक वनडे में जीत से कुछ ही गेंद दूर रहने के बाद हार झेलनी पड़ी थी. ऐसे में टीम इंडिया के पास ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने और उससे निपटने के लिए प्रेरणा के तौर पर ऐसे प्रदर्शन हैं.
मिताली राज-दीप्ति शर्मा से बेहतर प्रदर्शन की जरूरत
इसके बावजूद टीम इंडिया के लिए इस बार स्थिति ज्यादा विकट मालूम होती है. भारतीय टीम का विश्व कप में प्रदर्शन निरंतरता के अभाव से जूझ रहा है. खास तौर पर बल्लेबाजी इस मोर्चे पर ज्यादा विफल रही है. ओपनर स्मृति मांधना और उप-कप्तान हरमनप्रीत कौर के अलावा कोई भी रनों के मामले में ज्यादा योगदान नहीं दे रहा है. खास तौर पर कप्तान मिताली और ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा का बल्ले से प्रदर्शन उम्मीद और उनके अनुभव के मुताबिक मामूली रहा है. ऐसे में उन दोनों को अपने बल्ले से ज्यादा दमदार प्रदर्शन करने की जरूरत है.
मांधना-हरमनप्रीत पर फिर भार
ऑकलैंड के ईडन पार्क में होने वाले इस मुकाबले में एक बार फिर टीम के लिए स्मृति मांधना पर अच्छी शुरुआत का दारोमदार होगा. अनुभवी ओपनर ने अभी तक 4 पारियों में एक शतक और एक अर्धशतक जमाया है. उनके साथ फिर से युवा ओपनर यस्तिका भाटिया को ही मौका मिलना तय है, जिन्होंने एक अच्छी पारी खेली थी. इस बड़े मुकाबले में टीम में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है. वहीं हरमनप्रीत के अलावा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष से भी आक्रामक योगदान की जरूरत होगी.
टीम इंडिया की गेंदबाजी बेहतर
भारतीय गेंदबाजी विश्व कप से पहले चिंता का कारण थी, लेकिन अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की अगुवाई में मेघना सिंह और पूजा वस्त्राकर जैसी तेज गेंदबाजों ने भी प्रदर्शन को सुधारा है और भारत को मुकाबले में बनाए रखा है. वहीं राजेश्वीर गायकवाड़ की स्पिन लगातार बेहतर असर डाल रही है. ऑलराउंडर स्नेह राणा की स्पिन भी कुछ मौकों पर अच्छी दिखी है. ऐसे में गेंदबाजी के मोर्चे पर भी किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया का दमदार प्रदर्शन
जहां तक ऑस्ट्रेलिया की बात है, तो मेग लेनिंग की कप्तानी वाली ये टीम एकदम सेटल लग रही है. टीम के लिए सबसे अच्छी बात दिग्गज ऑलराउंडर एलिस पैरी की फॉर्म में वापसी है. विश्व कप से पहले पैरी लगातार खराब दौर से गुजर रही थीं, लेकिन टूर्नामेंट में अभी तक उन्होंने गेंद और बल्ले से असर डाला है. वहीं टीम की बैटिंग एक बार फिर रेचल हेंस और एलिसा हीली की ओपनिंग और कप्तान लेनिंग पर निर्भर करेगी.
टीम इंडिया को इनके अलावा ऑलराउंडर तालिया मैक्ग्रा से भी सतर्क रहना होगा, जो पिछले साल तीनों फॉर्मेट में भारत पर भारी पड़ी थीं. ऑस्ट्रेलिया की नई लेग स्पिनर एलाना किंग भी अच्छा प्रदर्शनकर रही हैं, जबकि तेज गेंदबाज मेगन शूट और एश्ली गार्डनर जैसी स्पिनर और 19 साल की नई पेसर डार्सी ब्राउन भी खतरा हैं.