आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने प्रदेश में बढ़ते जानलेवा नशे के चलन के मुद्दे पर खट्टर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के राज में हरियाणा के युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं।
हाल ही में सिरसा के नागरिक अस्पताल में तीन युवकों की नशे के कारण मौत होना प्रदेश के युवाओं के लिए घातक संकेत हैं। तीनों मृतक युवा थे, एक की उम्र 18 वर्ष, एक की 30 वर्ष और एक की उम्र 32 वर्ष बताई जा रही है।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति नागरिक अस्पताल के सामने ग्रीन बेल्ट में मृत मिला। वहीं एक युवक और एक व्यक्ति शहर के अलग अलग जगहों पर मृत पाए गए।
प्रदेश में चिट्टे का नशा, इंजेक्शन का नशा, जहरीली शराब का नशा लगातार बढ़ रहा है। हालत ये हैं कि हरियाणा के हर गांव में एकांत जगह पर खाली सिरिंज देखने मिल जाती हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में बढ़ते नशे का मुख्य कारण युवाओं को नौकरी नहीं मिलना भी है। हरियाणा में जिस स्तर पर नशे का कारोबार पनप रहा है, वह बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के बिना मुमकिन नहीं है।
सरकार चाहे तो प्रदेश में फैलते नशे पर रोक लग सकती है, लेकिन अधिकारियों और नेताओं की सरपरस्ती में नशे का कारोबार चल रहा है।
उन्होंने कहा एसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा में नशे से 2016 से 2023 के दौरान 500 से ज्यादा मौतें हो हुई हैं, जबकि हरियाणा सरकार बताती है कि 39 ही मौतें हुई हैं।
ये साफ बताता है कि हरियाणा सरकार न केवल हरियाणा में नशा रोकने में नाकाम रही है, बल्कि आंकड़ों के साथ भी फेरबदल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जहरीली शराब से यमुनानगर में ही 25 लोगों की मौत हो गई थी और इससे पहले पानीपत और सोनीपत में जहरीली शराब से लोगों की मौत हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में नशे की वजह से आत्महत्या करने वालों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है। सुसाइड रेट 2021 के मुकाबले 2.5% बढ़ा है। हर एक लाख लोगों में से 12.6 यानी 12 से 13 लोग नशे की वजह से सुसाइड कर रहे हैं।
सुसाइड रेट हरियाणा में देश में सबसे ज्यादा है। इसमें 61 फीसदी वे हैं जिनकी सालाना आमदनी एक लाख से भी कम है। इसमें वे भी शामिल हैं जो बेरोजगार हैं और कर्ज के तले दबे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में युवाओं का नशे की ओर बढ़ने का मुख्य कारण बेरोजगारी है। हरियाणा में 25 लाख युवा बेरोजगार हैं और नशा तस्करों को सरकारी संरक्षण है।
उन्होंने कहा कि यमुनानगर में जहरीली शराब से मौतों की घटना बाद रिकॉर्ड खंगाला गया तो सरकारी रिकॉर्ड से शराब की 9 लाख बोतल गायब मिली। हरियाणा पर नशा माफिया हावी है।
उन्होंने कहा कि सत्ता के नशे में चूर गठबंधन सरकार ने प्रदेश के युवाओं को भी नशे में धकेला है। हरियाणा और खासकर सिरसा, डबवाली और कालांवाली में चिट्टे और मेडिकल नशा गठबंधन सरकार की देन है।
यदि पिछले साढ़े 9 साल में खट्टर सरकार ने नशे पर अंकुश लगाया होता तो हरियाणा के ऐसे हालत न होते। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गठबंधन सरकार की शह पर राजस्थान से तस्करी कर मेडिकल और चिट्टे का नशा लाया जा रहा है।
वहीं हरियाणा में जहरीली शराब से सैकडों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जहां हरियाणा सरकार नशे के कारोबार को रोकने में नाकाम रही हैं, वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने नशे पर लगाम लगाने का काम किया है।
पंजाब के युवाओं को रोजगार देकर विकास की राह पर चलाने काम किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले साढ़े 9 साल में युवाओं के रोजगार के लिए कोई इंतजाम नहीं किया।
युवा दर दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। पंजाब सरकार ने नशे का बिल्कुल खात्मा कर दिया है। जबकि हरियाणा बढ़ते नशे के कारण उड़ता हरियाणा बन चुका है।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के कारण हरियाणा का युवा नशा और अपराध की तरफ जा रहा है। (सीसीटीएस) क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की सबसे असुरक्षित वाली सूची में हरियाणा दूसरे नंबर पर है।
रेप के मामलों में हरियाणा पूरे देश में दूसरे नंबर पर है, हत्याओं की बात करें तो दूसरे नंबर पर है, किडनैपिंग में नंबर तीन पर है और हरियाणा ने अपराध के मामले में यूपी को भी पीछे छोड़ दिया है।
हरियाणा में प्रतिदिन 5-6 दुष्कर्म, 11-12 किडनैपिंग और 3-4 मर्डर की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा से बरोजगारी, भ्रष्टाचार और अपराध को खत्म करने के लिए इस सरकार का बदलना जरूरी है।
इसलिए हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्ण बहुमत से आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।