मुख्यमंत्री मान ने पहलवानों को गंगा में पदक बहाने के लिए मजबूर करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की
भारतीय पहलवानों को अपने पदक गंगा में बहाने के लिए मजबूर करने वाली केंद्र सरकार के उदासीन रवैए पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को गहरा दुख और रोष प्रकट किया। यहाँ जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने पहलवानों की सच्ची माँगों को नजऱअन्दाज़ करने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार की निंदा की। उन्होंने कहा कि इन पहलवानों ने देश के लिए पदक लाने के लिए अपना पसीना बहाया है। भगवंत मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि उनकी माँगें सुनने की बजाय केंद्र सरकार द्वारा इन पहलवानों की आवाज़ को बार-बार दबाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहलवान अपने जायज़ हकों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, परन्तु केंद्र के सौतेली माँ वाले सलूक से तंग आकर इन खिलाडिय़ों ने अपने पदक गंगा में बहाने का फ़ैसला लिया है। उन्होंने कहा कि खेल के क्षेत्र में इतनी दृढ़ता, लगन और सख़्त मेहनत के बाद जीते गए पदकों का जल प्रवाह करने का फ़ैसला लेना इन खिलाडिय़ों के लिए बहुत कठिन होगा। भगवंत मान ने कहा कि यह खेल, खेल प्रेमियों और खेल भाईचारे के लिए काला दिन है, क्योंकि खिलाडिय़ों को अपनी बात सुनाने के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर समूचा देश मोदी सरकार के इस नापाक मंसूबों को मूक दर्शक बनकर देखता रहा तो वह दिन दूर नहीं, जब हमें लोकतंत्र की राख को नदी में बहाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश को केंद्र सरकार के इस गलत रवैये के विरुद्ध एकजुट होकर खिलाडिय़ों के साथ खड़ा होना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि देश को बचाना और लोकतंत्र की मर्यादा को मज़बूत करना समय की ज़रूरत है।