
लुधियाना: पंजाब में पिछले कई दिनों से राजनीतिक विपक्षी दल एसवाईएल (SYL, Sutlej Yamuna link) के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे थे. इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब देते हुए उन्हें एक नवंबर को खुली बहस के लिए आमंत्रित किया है. इस बहस का आयोजन आज लुधियाना के पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में किया गया है.
इसको लेकर सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी तैनात किया गया है. इन सबमें अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि क्या राजनीतिक विरोधी इस महाबहस में हिस्सा लेंगे या नहीं, क्योंकि वे लगातार सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. हालांकि, कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस बहस में हिस्सा लेने के लिए लुधियाना जा सकते हैं.
बीजेपी का आरोप खुली बहस के एजेंडे से गायब है एसवाईएल का मुद्दा: पंजाब बीजेपी (BJP) के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है. इन नेताओं का आरोप है कि सोशल मीडिया पर आदमी पार्टी के एजेंडे में एसवाईएल का जिक्र नहीं है.
‘आप’ सरकार ने सोशल मीडिया पर शेयर किए ये 4 मुद्दे: ‘आप’ पंजाब ने आज की बहस से पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया है. इसमें 1 नवंबर को पंजाब में ड्रग्स कैसे फैला, गैंगस्टरों को किसने पनाह दी, युवाओं को बेरोजगार रखा और पंजाब को किसने धोखा दिया, जैसे विषयों पर बड़े खुलासे करने का दावा किया गया है. इस पोस्ट पर विपक्षी पार्टियां नाराज हो गई हैं और आरोप लगाया है कि पंजाब सरकार एसवाईएल मुद्दों पर बहस करने से बच रही है.
डिबेट के मुद्दों पर उठाए सवाल: सुनील जाखड़ ने सोशल मीडिया एक्स पर आम आदमी पार्टी के पेज की एक फोटो शेयर की है. इसमें आम आदमी की ओर से होने वाली डिबेट का एजेंडा लिखा है. उनको लेकर सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि पंजाब जवाब चाहता है. एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा तक को तैयार नहीं? सर क्या आप गंभीर हैं? क्योंकि यदि आप मजाक कर रहे हैं, तो मजाक आप पर है. इस पर बहस करने से भागते हुए आपने सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप स्वीकार कर लिया है. पंजाब को जवाब मिल गया. इसके अलावा सुनील जाखड़ ने इस महाबहस के लिए तैनात किए गए भारी पुलिस बल और पुलिस द्वारा लोगों को घरों में नजरबंद किए जाने पर भी सवाल उठाए हैं.
अकाली दल ने उठाए सवाल: उधर, शिरोमणि अकाली दल ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. इसमें बिक्रम मजीठिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के आरोप लगाया कि सरकार एसवाईएल के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार इस गंभीर मुद्दे पर सभी दलों को एक साथ लेने को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसान संगठनों की आवाज भी बंद कर दी है ताकि वे इस महाबहस में हिस्सा न ले सकें. मजीठिया ने कहा कि सरकार के इन इंतजामों ने लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिला दी है.