कैलिफोर्निया के डा. बराक ने कहा, आंकड़े इकट्ठा करना सबसे बड़ी बुद्धिमत्ता
- बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में डेटा आप्टिमाइजेशन एंड सिक्योरिटी विषय पर आयोजित हुआ कांफ्रेंस
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के डिपार्टमेंट ऑफ कंप्यूटर साइंस और वानजाउ कीन यूनिवर्सिटी, चीन के संयुक्त तत्वावधान में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह कॉन्फ्रेंस डेटा ऑप्टिमाइजेशन एंड सिक्योरिटी विषय पर ऑनलाइन व ऑफ़लाइन मोड से आयोजित हुआ।
मुख्य वक्ता डॉ0 शशि बराक, एक्सेंचर, सैन जोस, कैलिफोर्निया, यूएसए ने कहा कि आंकड़े इकट्ठा करना आज की सबसे बड़ी और असली बुद्धिमत्ता है। आज कल हम अपने जी-मेल पर या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे उत्पादों के विज्ञापन, स्पैम मेल देखते हैं। असल में यह विज्ञापन या स्पैम बड़ी कंपनियों द्वारा हमारी रुचियों, ज़रूरतों को जानने के लिए भेजे जाते हैं। हम दिन भर इंटरनेट पर जो भी गतिविधियां करते हैं, उनका भी लगातार विश्लेषण कई कंपनियों द्वारा किया जाता है और उसके आधार पर कंपनियां व्यवसाय के लिए अपनी योजनाएं तैयार करती हैं।
संगोष्ठी के वक्ता डॉ0 गौरव भटनागर, एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी जोधपुर ने आंकड़ों की सुरक्षा पर आधारित व्याख्यान दिया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के डेटा जैसे वीडियो, लेख और ऑडियो विसुअल डेटा, इंटरनेट वेब डेटा को एन्क्रिप्शन, वाटर मार्किंग एवं फिंगरप्रिंटिंग के माध्यम से सुरक्षित रखने के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के संरक्षक, विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य संजय सिंह ने कहा कि आज की संगोष्ठी का विषय बेहद प्रासंगिक है, क्योंकि वर्तमान में डेटा सबसे बड़ी ताकत है। जिसके पास डेटा है और डेटा मैनेजमेंट का हुनर है, वो बड़े से बड़ा कार्य सफलतापूर्वक कर सकता है। उन्होंने कहा कि आंकड़े ही हमें बताते हैं कि हमें किस दिशा में आगे बढ़ना है, जिसके पास आंकड़े हैं आज वही सबसे ज्यादा शक्तिशाली है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के सह संरक्षक प्रो0 संजय द्विवेदी, डीन, एसआईएसटी, बीबीएयू, ने भी अपने विचार साझा किए और विद्यार्थियों के लिए इतने प्रासंगिक विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने के लिए आयोजन मंडल को बधाई दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो0 एम0 पी0 सिंह, बीबीएयू, ने कहा कि शोधार्थियों के लिए आंकड़ों को सुरक्षित रखना और सही आंकड़ों के चुनाव की जानकारी होना आवश्यक है, क्योंकि उनका सारा शोध कार्य उसी पर आधारित होता है। कार्यक्रम के संयोजक डॉ0 मनोज कुमार ने सभी का कार्यक्रम में स्वागत किया और संगोष्ठी की थीम से अवगत कराया।