UPATS: PFI से जुड़े 12 संदिग्ध हिरासत में, कई जिलों में एटीएस की ताबड़तोड़ छापेमारी

लखनऊ: यूपी एटीएस ने इस्लामी कट्टरपंथी संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े करीब 12 संदिग्धों को 5 जिलों से हिरासत में लिया है। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई कार्यकर्ताओं की तलाश में यह छापेमारी की गई। कार्रवाई को लेकर गोपनीयता बरती जा रही है।
लखनऊ से दो और वाराणसी से 4 संदिग्ध हिरासत में
सूत्रों के मुताबिक लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित अचरामउ गांव और विकास नगर से एक—एक संदिग्ध युवक को हिरासत में लिया गया है। वाराणसी के आदमपुर क्षेत्र से 4 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में सारनाथ, जैतपुरा, भेलूपुर, कोतवाली और चौक इलाके में छापेमारी की गई। संदिग्धों के लैपटाप और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। बताया जा रहा है कि आजमगढ़, मुरादाबाद और मेरठ में भी एटीएस ने कार्रवाई की है। संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
एक राजनीतिक दल से जुड़ा अब्दुल खालिक हिरासत में
उधर मुरादाबाद के एक ब्लाक पर तैनात संविदा कर्मी को भी एटीएस ने हिरासत में लिया है। पीएफआई से उसके संबंध होने के शक में यह कार्रवाई की गई है। संदिग्ध से पूछताछ की जा रही है। शनिवार देर रात एटीएस ने मेरठ से भी पीएफआई के छह कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। हालांकि पूछताछ के बाद पांच लोगों को जाने दिया गया। बुलंदशहर के अब्दुल खालिक को एटीएस अपने साथ ले गई। खालिक एक राजनीतिक दल से जुड़ा है और करीब एक साल से लिसाड़ी गेट स्थित फतेहउल्लापुर में रेंट पर रह रहा था। यह छापे लिसाड़ी गेट और कोतवाली थाना क्षेत्रों में मारे गए। एटीएस ने तीन महीने पहले भी जिले के देहली गेट, खरखौदा और लिसाड़ी गेट इलाके में छापेमारी की थी। उस दौरान तीन लोगों की धरपकड़ भी हुई थी।
इसलिए हो रही छापेमारी
आपको बता दें कि वर्ष 2022 में पीएफआई पर बैन लगाए जाने के बाद प्रदेश में उससे जुड़े लोगों की धरपकड़ की जा रही है। बताया जा रहा है कि पकड़े जा रहे लोग संगठन को बैन किए जाने के बाद भी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। शक है कि अभी भी संगठन के कुछ लोग सक्रिय हैं, जो युवाओं को पीएफआई से जोड़ने का काम कर रहे हैं।