मनरेगा में बिना ‘आधार’ 29588 श्रमिकों से कराया काम
लखनऊ। मनरेगा के कार्यों में फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है। 25 अप्रैल को ग्राम्य विकास मुख्यालय से हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में फतेहपुर, प्रयागराज, बलिया, हरदोई, सुल्तानपुर, सीतापुर, कन्नौज, सोनभद्र, आजमगढ़, जालौन व वाराणसी में बिना आधार के श्रमिकों का नियोजन करना पाया गया है। यानी आधार कार्ड दर्ज किए बिना इन 10 जिलों में 29588 श्रमिकों से कार्य कराया गया है।
जबकि इस वर्ष केंद्र से सभी जॉबकार्ड श्रमिकों के आधार लिंक करने के व्यवस्था लागू हुई थी। बिना इसके कार्य और भुगतान नहीं किया जाना है। ऐसे में बनाए गए मस्टर रोल में पारदर्शिता नहीं बरती गई है और नई व्यवस्था से श्रमिकों का भुगतान फंसेगा। वहीं, समीक्षा में बांदा, गौतमबुद्ध नगर, मुज्जफरनगर, मथुरा, प्रतापगढ़, शाहजहांपुर, बागपत, चंदौली, इटावा व गाजीपुर के अधिकारियों ने प्रतिभाग नहीं किया। इस पर ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
10 जिलों में कम काम, 16 में कम नियोजन
समीक्षा के दौरान प्रदेश की कुल 58,189 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 43,780 में 13,55,093 श्रमिकों द्वारा काम करना पाया गया। जिसमें मुरादाबाद, सहारनपुर, हापुड़, बागपत, शामली, कासगंज, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मथुरा व बुलंदशहर पीछे रहा। इन जिलों की कम ग्राम पंचायतों में कार्य हुए हैं। जबकि प्रदेश में मनरेगा के कार्यों की प्रगति 75 प्रतिशत रही। वहीं, प्रति ग्राम पंचायत 23 श्रमिकों के नियोजन का औसत रहा। जबकि बरेली, शामली, मुजफ्फरनगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, इटावा, आजमगढ़, बदायूं, सीतापुर, उन्नाव, गोरखपुर, एटा, बलिया, कन्नौज, प्रयागराज व बांदा में श्रमिकों का नियोजन कम पाया गया। जिसे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
हापुड़ एक व बागपत में श्रमिकों का औसत शून्य
हापुड़ एक, बागपत शून्य, शामली चार, कासगंज 20, अलीगढ़ नौ, मुजफ्फरनगर पांच, मथुरा 13, सहारनपुर छह, बुलंदशहर तीन व मुरादाबाद की ग्राम पंचायतों में औसत 15 श्रमिक रहे।
इन जिलों में इतने बिना आधार के श्रमिकों से कार्य
कन्नौज : 803
जालौन : 874
सीतापुर : 1265
सुल्तानपुर : 1290
आजमगढ़ : 1322
हरदोई : 1399
सोनभद्र : 1465
बलिया : 1814
प्रयागराज : 2616
फतेहपुर : 2947