
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में घर-घर शांति और सौहार्द का वातावरण बनाने तथा अदालतों से संपत्ति संबंधी पारिवारिक विवादों के बोझ को कम करने के उद्देश्य से चलाई गई विशेष गिफ्ट डीड योजना का लाभ 05 अगस्त, 2023 से 12 सितम्बर 2023 तक 43 हजार 574 लोगों द्वारा उठाया गया। इससे जनता को 1807.31 करोड़ रूपये का लाभ मिला। यह जानकारी प्रदेश के स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने दी।
सचिवालय स्थित तिलक हाल में आयोजित पत्रकार वार्ता में जायसवाल ने बताया कि अब रक्त सम्बधियों को सम्पति दान करने पर स्टाम्प सर्किल रेट के बराबर न होकर केवल 5 हजार रूपये है। इस योजना से पूर्व गिफ्ट डीड करने में इसके पहले स्टाम्प शुल्क सर्किल रेट के बारबर देना पड़ता था। गत वर्ष जून, 2023 से दिसम्बर, 2023 तक छः महीनों के लिए लागू की गयी इस योजना का लाभ 2 लाख 56 हजार 440 लोगों ने उठाया। उन्होंने बताया कि इस योजना के पूर्व रजिस्ट्री कराने की संख्या कम होती थी।
इसके अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य में परिवार के सदस्यों पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधु (पुत्र की पत्नी) सगा भाई (सगे भाई के मृतक होने की दशा में उसकी पत्नी) सगी बहन, दामाद ( पुत्री का पति ). पुत्र / पुत्री के पुत्र/पुत्री के मध्य निष्पादित अचल सम्पत्ति के दान विलेख पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क की अधिकतम सीमा 5,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 की अनुसूची 1-ख के अनुच्छेद 33 के प्राविधानों के अधीन उत्तर प्रदेश राज्य में दान विलेखों पर सम्पत्ति के मूल्य पर हस्तान्तरण पत्र की भांति स्टाम्प शुल्क प्रभार्य है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17 के प्राविधानों के अधीन अचल सम्पत्ति के दान विलेख का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य है। भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 की धारा- 9(1) (क) के प्राविधानों के अधीन राज्य सरकार को पारिवारिक सदस्यों के मध्य निष्पादित होने वाले इस प्रकार के विलेखों पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान करने का अधिकार प्राप्त है।