
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत कुल 676 कार्मिकों का समायोजन किया गया है। डिप्टी मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी कर्मचारियों को एक महीने के भीतर नई तैनाती प्रदान कर दी जाए। इस फैसले से न केवल कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि विभागीय कार्यों में भी गति आएगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि मानव संसाधनों का उपयोग दक्षता के साथ किया जाए और किसी भी स्थान पर स्टाफ की कमी न हो।
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डिप्टी सीएम ने कहा कि समायोजन की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। हर कार्मिक की योग्यता, कार्य अनुभव और स्थानिक आवश्यकताओं के आधार पर तैनाती की जाएगी। किसी भी प्रकार की सिफारिश या भेदभाव नहीं किया जाएगा।
कर्मचारियों को राहत
कई कर्मचारी लंबे समय से अस्थायी तैनाती या प्रतीक्षा सूची में थे। इस समायोजन से उन्हें न केवल स्थायीत्व मिलेगा बल्कि मानसिक रूप से भी राहत मिलेगी। इससे उनकी कार्यक्षमता और विभागीय उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
प्रशासनिक दक्षता में इजाफा
समायोजन से उन क्षेत्रों में भी कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी जहाँ स्टाफ की कमी से कामकाज प्रभावित हो रहा था। इससे शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।