अयोध्या में आचार्य परमहंस ने विधानसभा चुनाव लड़ने का किया ऐलान, कहा- निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा, संतों को मिलनी चाहिए सैलरी
कहते हैं दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर गुजरता है. वहीं, यूपी की सियासत में राम के नाम और अयोध्या का अहम किरदार होता है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब अयोध्या के एक संत को सियासत का बुखार चढ़ गया है. अयोध्या विधानसभा (Ayodhya Assembly Seat) से योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के चुनावी मैदान में ना उतरने पर संत परमहंस दास ने अयोध्या विधानसभा से चुनावी मैदान में कूदने का फैसला किया है.
देश की सियासत पर अपनी बयानबाजी से जाने जाने वाले अयोध्या राम घाट स्थित तपस्वी जी की छावनी के महंत जगतगुरु आचार्य परमहंस दास ने मतदाता दिवस के अवसर पर तपस्वी छावनी में हवन पूजन कर साधु-संतो को मतदान का संकल्प दिलाया. इसके साथ उन्होंने विधानसभा चुनाव में सियासत के मैदान में दो-दो हाथ करने की घोषणा की है. संत परमहंस दास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को अयोध्या से समुचित प्रत्याशी नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में वह अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे और संत समाज के उत्थान के लिए काम करेंगे.
संतों को दी जाएगी 40 हजार की सैलरी
उन्होंने कहा कि मौलवियों को सैलरी दी जा सकती है तो अयोध्या में संत समाज के लिए भी 40,000 रुपए की तनख्वाह दिलवाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मठ, मंदिरों की बिजली पानी भी मुफ्त होगी. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी उनको अयोध्या से टिकट देती है तो वह चुनाव लड़ेंगे और अगर बीजेपी उनको अयोध्या से टिकट नहीं देती तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. क्योंकि भगवान राम की नगरी में यहां का प्रतिनिधित्व संत समाज ही करेगा.
‘टिकट नहीं मांगने जाउंगा’
जगतगुरु आचार्य ने कहा कि बीजेपी को अयोध्या से उचित जनप्रतिनिधि नहीं मिल पा रहा है इसलिए अयोध्या से मैं यहां से चुनाव लड़ूंगा. मठ मंदिर और साधु-संतों के शहर का जनप्रतिनिधि संत ही होना चाहिए. मठ-मंदिरों की बिजली और पानी फ्री होना चाहिए. अयोध्या के साधु संत भिक्षा मांग करके मठ मंदिर का संचालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संत समाज को जो सम्मान मिलना चाहिए वह तभी मिल पाएगा जब उनके विचारधारा का कोई जनप्रतिनिधि संत समाज के बीच का हो.उन्होंने कहा, अगर भारतीय जनता पार्टी टिकट देती है तो उसके सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे और अगर भारतीय जनता पार्टी मुझे टिकट नहीं देती तो निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं बीजेपी से टिकट मांगने नहीं जाऊंगा.