हिंदी विकास संस्थान नई दिल्ली द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड 2022 में आदर्श मिश्रा को मिला स्वर्ण पदक।
अंग्रेजी माध्यम के इस विद्यालय में हिंदी को मिल रहा है बढ़ावा।
कहते हैं प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती है। क्या बड़े क्या छोटे प्रतिभाएं किसी में भी दिखाई पड़ जाती है। ऐसा ही कर दिखाया है अमेठी जनपद के अमेठी तहसील व संग्रामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मिसिरपुर गांव में निवास करने वाले अनुराग मिश्र के मासूम पुत्र आदर्श मिश्रा ने। यह आदर्श मिश्रा अमेठी जनपद के रामनगर स्थित राजर्षी रणंजय सिंह ग्लोबल स्कूल में कक्षा एक का छात्र है। बताया जाता है कि यह शुरू से ही बहुत ही प्रतिभाशाली बालक है सबसे बड़ी बात तो यह है कि अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की हिंदी बेहद कमजोर दिखाई पड़ती है । लेकिन लोगों की इस धारणा को इस छोटे से बच्चे ने खत्म कर दिया। क्योंकि इसकी हिंदी इतनी अच्छी है कि यह बड़े बड़ों को मात दे देता है। हो भी क्यों ना क्योंकि यह गुण इसको अपने दादा जी से मिला है। आदर्श मिश्रा के दादाजी तारकेश्वर मिश्रा प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI भाषा) के जिला संवाददाता है। जब दादाजी को ही हिंदी भाषा के लिए विशेष रूप से संस्थान ने रखा है और उन्होंने उसमें महारत हासिल कर रखी है। उनकी लिखी खबरें दर्जनों बड़े-बड़े अखबारों और आज तक, एबीपी, इंडिया न्यूज़ जैसे टीवी न्यूज़ चैनलों चैनलों की वेबसाइटों पर चलती है। पोता भी उन्हीं के नक्शे कदम पर दिखाई पड़ रहा है और उसने भी अपनी प्रतिभा अपने राजभाषा हिंदी में दिखाया है। इस मासूम आदर्श मिश्रा ने हिंदी विकास संस्थान नई दिल्ली के द्वारा आयोजित हिंदी ओलंपियाड 2022 में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। इसको यह स्वर्ण पदक विद्यालय स्तर प्रतिभाग करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए प्रदान किया गया है। कहावत है कि “होनहार बिरवान के होत चीकने पात”विलक्षण लोगों की विलक्षण बुद्धि शुरू में ही दिखाई पड़ जाती है। जिसमें समय के साथ आगे बढ़ने पर उत्तरोत्तर निखार आता है । ऐसे ही बच्चे आगे बढ़कर क्षेत्र समाज और देश का नाम रोशन करते हैं। फिलहाल आदर्श मिश्रा को उसके स्कूल के सभी स्टाफ की उपस्थिति में प्रिंसिपल के द्वारा गोल्ड मेडल दिया गया और सभी गुरुजनों ने बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना की है। मासूम आदर्श के द्वारा गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर क्षेत्रों समाज के लोगों ने बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की है। ऐसे में आदर्श के दादाजी ने आदर्श द्वारा हासिल की गई इस उपलब्धि पर गौरवान्वित होते हुए बताया कि बचपन से ही यह बचपन से ही बहुत ही प्रखर है। निसंदेह है आगे चलकर यह हमारे घर परिवार का तथा समाज का नाम रोशन करेगा। जो भी है सब प्रभु की कृपा कथा दीदी उषा रामायणी मां कालिका और परमहंस महाराज के साथ पूर्वजों एवं श्रेष्ठ जनों के आशीर्वाद का परिणाम है।