अखिलेश यादव पहुंचे आजमगढ़, बाहुबली रमाकांत यादव से जेल में मुलाकात
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भले ही उपचुनाव के दौरान आजमगढ़ नहीं पहुंचे लेकिन अब बाहुबली रमाकांत यादव से मिलने पहुंचे हैं। सपा से विधायक रमाकांत यादव इस समय जहरीली शराब कांड में जेल में बंद हैं। जेल में ही अखिलेश रमाकांत से मुलाकात की। अखिलेश यादव के आजमगढ़ आने और रमाकांत से मिलने को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
करीब सवा दो बजे अखिलेश यादव इटौरा स्थित जेल के अंदर पहुंचे। करीब एक घंटे का समय मुलाकात के लिए मिला है। रमाकांत को बैरक से बाहर निकालकर हाल में मुलाकात हो रही है। अखिलेश के आगमन को देखते हुए शहर से लेकर इटौरा जेल तक जगह जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई है। एसपी सिपी शैलेंद्र लाल स्वयं पुलिस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं।
इससे पहले अखिलेश 17 मई को सपा के पूर्व विधायक श्याम बहादुर यादव की मां के देहांत पर आजमगढ़ आए थे। एमएलसी चुनाव और फिर लोकसभा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद ये अखिलेश का आजमगढ़ का पहला दौरा है। दो चुनावों में सपा को अपने ही गढ़ में हार मिलने के बाद अखिलेश के इस दौरे को सीधे तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
अखिलेश आजमगढ़ से सांसद रहे हैं। यहां हुए लोकसभा उपचुनाव में वो प्रचार के लिए नहीं आए थे। जबकि उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव सपा से प्रत्याशी थे। सपा को अपने ही गढ़ में हार का सामना करना पड़ा। ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरे के जरिये अखिलेश फिर आजमगढ़ में सक्रिय होने जा रहे हैं।
अखिलेश यादव को आजमगढ़ आने का कार्यक्रम 3 बार बदला है। पहले अखिलेश 20 अगस्त को आना था। अचानक कार्यक्रम में बदलाव हुआ और 21 अगस्त को आने का प्रोग्राम बना। फिर नए प्रोटोकॉल में 23 अगस्त को आना फाइनल हो गया। अब 22 को ही पहुंच गए।
पांच बार विधायक और चार बार सांसद रहे रमाकांत यादव
रमाकांत यादव अब तक पांच बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं। रमाकांत यादव 1985 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने थे। इसके बाद 1991 और 1993 में सपा के टिकट पर विधायक चुने गए। 1996 में पहली बार सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता।
1999 में दोबारा सपा से सांसद बने। 2004 में बसपा के टिकट पर सांसद बने। 2009 में भाजपा ने टिकट दिया और लोकसभा पहुंचे। 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2019 में भाजपा से टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के टिकट पर भदोही से लोकसभा का चुनाव लड़ा। पिछले चुनाव से पहले फिर सपा में आए और विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे।