उत्तर प्रदेशलखनऊ

एकेटीयू 120 करोड़ हेराफेरी: फिल्म प्रोड्यूसर ने बनाई गैंग, आरोपियों को 25 दिन किया गया था प्रशिक्षित

लखनऊ। जल्द अमीर होने की चाह में आरोपियों ने 120 करोड़ उड़ाने की प्लानिंग की। एकेटीयू के खाते से 120 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में अब तक आठ आरोपी पकड़े गए हैं। इस हेराफेरी की योजना फिल्म इंडस्टी से जुड़े शशांक बजाज ने बनाई थी। सहयोगियों की तलाश की जिम्मेदारी फिल्म प्रोड्यूसर राजेश बाबू को दी थी। गिरोह के सदस्यों का चयन करने के बाद उनको हर एक पहलू के बारे में जानकारी दी गई । साथ ही 25 दिनों तक राजधानी के विभिन्न इलाकों में ले जाकर प्रशिक्षित किया गया। ताकि किसी तरह की गलती न हो और पकड़ में न आएं। इसका खुलासा मुख्य किरदार निभाने वाले अनुराग की गिरफ्तारी के बाद हुआ।

साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव ने बताया कि अनुराग ने पूछताछ में कई राज उगले। उसने बताया कि शशांक बजाज ने इस हेराफेरी की स्क्रिप्ट लिखी थी। इसके सभी किरदार तलाशने की जिम्मेदारी फिल्म प्रोड्यूसर राजेश बाबू को दी गई थी। राजेश ने उसे (अनुराग), शैलेश कुमार सिंह रघुवंशी, केके तिवारी, गिरीश चंद्र, दस्तगीर आलम के अलावा गुजरात के जोशी देवेंद्र प्रसाद प्रभाशंकर और उदय पटेल को शशांक से मिलवाया। शशांक ने सभी के किरदार तय किए। अनुराग को एकेटीयू में बैंक का प्रबंधक और बैंक में एकेटीयू का वित्त अधिकारी बनने की भूमिका दी गई। वहीं शैलेश कुमार सिंह रघुवंशी को अनुराग पर निगरानी रखने और बैंक में पकड़ को देखते हुए निजी सहायक बनाया गया। वह लगातार अनुराग के साथ बना रहता था। यहां तक रुपये के लेनदेन के लिए खाता भी उसी के माध्यम से खुलवाया गया। इसके अलावा दस्तगीर, कृष्णकांत और गिरीश चंद्र चालक और सहयोगी की भूमिका में थे। सभी को किरदार बताने के बाद प्रशिक्षित किया गया।

तय था किससे क्या बोलना है…

पूछताछ में सामने आया कि अनुराग को यह बताया गया कि एकेटीयू में वित्त अधिकारी के कमरे में किस तरीके से प्रवेश करना है? उनसे क्या बात करनी है? बातचीत के लिए तय बिंदु से अलग कोई सवाल हो तो उसके लिए समय मांगने की बात कही गई थी। इसी तरह बैंक में जाने के बाद सिर्फ एफडी की बात करनी है।रकम निकालने के लिए किस तरह बात करनी है। इसका प्रशिक्षण शैलेश रघुवंशी को दिया गया।

एक दूसरे को कोड नाम से पुकारते

एकेटीयू और बैंक में अनुराग शैलेश को सिंह साहब कहकर बुलाता था। तो शैलेश उसे लगातार सर संबोधित करता था। अनुराग ने बताया कि तीन किरदार ऐसे हैं जिनको नहीं जानता था। उनको सिर्फ मोटू, टोपी वाले और गुटखा वाले के नाम से पुकारा जाता था। उनका असली नाम कोई नहीं जानता है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने बताया कि अनुराग से पूछताछ में सामने आए तथ्य और साक्ष्य का सत्यापन किया जा रहा है। इसके बाद संबंधित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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