आजमगढ़ में बोले अमिताभ ठाकुर, केन्द्रीय एजेंसियां कर रही हैं टारगेट एक्शन
- बुलडोजर व एकांउटर नीति पर भी उठाए सवाल
- -केन्द्र व प्रदेश सरकार धु्रवीकरण नीति पर कर रही विश्वास
- -निकाय चुनाव में अधिकारी सेना उतारेगी प्रत्याशी
आजमगढ। राजनीतिक पारी की शुरूआत कर रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर अपने अधिकार सेना का पूर्वांचल में विस्तार करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में अमिताभ ठाकुर शनिवार को आजमगढ़ जिले में पहुंचे। इस दौरान अमिताभ ठाकुर ने कहा कि ईडी का फुल फार्म आज इनको देखो हो गया, इसके तहत केन्द्रीय एजेंसियां टारर्गेट एक्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है और खौफ के साए में लोग जी रहे है।प्रदेश की केन्द्र व प्रदेश सरकार ध्रुविकरण की राह पर चल रही है। बुलडोजर कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि बुलडोजर नीति राजनैतिक रूप से भले ही आज लाभप्रद है लेकिन सामाजिक व इमान की दृष्टि से राष्ट्र के लिए घातक है।
अमिताभ ठाकुर ने जिला कमेटी की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ईडी का फुल फार्म उनकी निगाह में इनको देखा होना चाहिए। मतलब की आपने टारगेट सेट कर दिया है कि इनको देखों। आपको इससे मतलबल नहीं है काला सफेद देखें। उन्होंने कहा कि पहले जब हम पुलिस सेवा में थे तो राज्य पुलिस बदनाम होती थी कि सपा के राज में भाजपा और भाजपा के राज में सपा के लोगों के उपर पुलिस टार्गेट कर रही है । लेकिन अब केंद्रीय एजेंसीयों की हालत यह हो गई है वह टार्गेट एक्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सारे एक्शन पोलिटिकली एक्शन है। अगर आप वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ है सारे लोगों पर एक्शन करें।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अराजकता, भय और खौफ का माहौल व्यप्त है। बुद्वजीवी, पत्रकार और चिंतकों को बोलने की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार कहती है कि सबका साथ, सबका विकास लेकिन स्पष्ट तौर पर धु्रवीकरण की नीति पर विश्वास करती है। एनकाउंटर नीति पर अमिताभ ठाकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि आज रुपये लेकर एनकाउंटर हो रहे है। अब एक नया सिस्टम शुरू हुआ है हाफ एन्काउंटर और फुल एनकाउंटर हो रहा है। अगर पैसा दिजिए तो हाफ फ्राई और पैसा मत दिजिए तो फुल फ्राई। उन्होने कहा कि इसका पूरा एक रेट निर्धारित है। वे जब जेल में बंद थे लोगों ने बताया कि ढाई लाख से एन्काउंटर का रेट शुरू हो रहा है। अभिताभ ठाकुर ने कहा कि वे निकाय चुनाव में जहां तक हो सकेगा प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारेगंे। उनके प्रत्याशी साफ-सुथरा छवि के होगें और स्थानीय मुद्दो पर पार्टी चुनाव लड़ेगी।