भाजपा को एक और झटका: कैबिनेट मिनिस्टर दारा सिंह चौहान ने भी दिया इस्तीफा
लखनऊः विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की एक और बड़ा झटका लगा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद बुधवार को वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने भी मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा भेज दिया है. दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा भेजा है. भारतीय जनता पार्टी के लिए मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद यह एक और बड़ा झटका माना जा रहा है. दारा सिंह चौहान ने भी दलितों पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है.
मंत्री दारा सिंह चौहान भी 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. 5 साल सरकार में मंत्री रहे और अब जब विधानसभा चुनाव सूचना जारी हो चुकी है तो उन्होंने भी स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों का कहना है कि मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ दारा सिंह चौहान भी समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे और बीजेपी के कई अन्य मंत्री भी स्वामी प्रसाद मौर्य संपर्क में है. वह भी धीरे-धीरे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे. विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री दारा सिंह चौहान का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका है. एक तरफ जहां स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने की कोशिश हो रही है, वही दारा सिंह चौहान का भी इस्तीफा बीजेपी के लिए बड़ा सियासी नुकसान साबित हो सकता है.
गौरतलब है कि दारा सिंह चौहान मूलरूप से आजमगढ़ जिले के गेलवारा गांव के रहने वाले हैं. इनकी गिनती बसपा के संस्थापक सदस्यों में होती है. कहा जाता है कि दारा सिंह राजनीति के ऐसे मंझे खिलाड़ी हैं जो हवा का रुख चुनाव से पहले ही भांप जाते हैं. दारा सिंह चौहान ने राजनीति की शुरूआत में ही अपना कर्मक्षेत्र मऊ के मधुबन क्षेत्र को बनाया. बसपा ने वर्ष 1996 में पहली बार उन्हें राज्यसभा भेजा. इसके बाद 2000 में वह सपा में शामिल हो गए. इसके बाद सपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा. वर्ष 2007 के चुनाव से पहले वह फिर बसपा में शामिल हो गए. इसके बाद फिर बसपा ने 2009 में उन्हें राज्यसभा भेज दिया.
वर्ष 2012 के चुनाव में यूपी में सपा की सरकार बनी और मायावती सत्ता से बाहर हुईं तो फिर दारा का मोह बसपा से भंग हो गया और 2 फरवरी 2015 को वह बीजेपी में शामिल हो गए. दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने पिछड़ी जाति प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया. इसके बाद वर्ष 2017 के चुनाव में मधुबन सीट से जीत हासिल कर दारा सिंह कैबिनेट मंत्री बन गए. पिछले 2 साल से दारा सिंह बीजेपी में हाशिए पर दिख रहे थे. यहां तक कि नवंबर 2021 में गृहमंत्री राज्य विश्वविद्यालय का लोकापर्ण करने के लिए आजमगढ़ आए तो कार्यक्रम में दारा सिंह को आमंत्रित नहीं किया गया था.