काशी विश्वनाथ परिसर के श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त
- मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को
वाराणसी। काशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी मंदिर के नियमित दर्शन को लेकर दाखिल याचिका पर वाराणसी की एक अदालत ने अधिवक्ता अजय कुमार को ‘एडवोकेट कमिश्नर’ नियुक्त करने का आदेश दिया है। अदालत ने मामले के दोनों पक्षकारों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराने और एहतियात के तौर पर पुलिस बल उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने बीते 08 अप्रैल को जारी आदेश में मामले की सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल मुकर्रर की।
राखी सिंह और अन्य की तरफ से दाखिल वाद में शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के साथ 1993 के पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग की गई है। अदालत से यह भी अनुरोध किया गया कि ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी और आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रह की यथास्थिति बरकरार रखी जाए और ‘एडवोकेट कमिश्नर’ की वर्तमान स्थिति के बाबत रिपोर्ट मंगा ली जाए।
इस मामले में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया गया है। वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता मदनमोहन, सुभाषनंदन चतुर्वेदी, सुधीर त्रिपाठी अदालत में पक्ष रख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वकीलों को नागरिक प्रक्रिया संहिता और आपराधिक प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के मुताबिक विविध प्रशासनिक एवं आधिकारिक कार्यों के लिए एडवोकेट कमिश्नर के रूप में नियुक्त किया जाता है।