
अयोध्या। दर्शननगर स्थित 33 केवीए की लाइन तकपुरा गांव के पास टूटने से गुरुवार को सुबह छह बजे तीन उपकेंद्रों से जुड़े इलाकों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इसके चलते इन तीन उपकेंद्रों से जुड़ी डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हो गई है। हल्की बरसात के बाद उपजी भीषण उमस से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बिजली विभाग ने दावा किया कि आपूर्ति शीघ्र सुचारु कर दी जाएगी लेकिन सुबह छह बजे से ठप हुई आपूर्ति नौ घंटे बाद दो बजे तक भी बहाल नहीं हुई है।
दर्शननगर उपकेंद्र से जुड़े अमानीगंज, चौक और नियावां उपकेंद्रों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था रोजाना बद से बदतर होती जा रही है। तीन दिन पहले बूथ नम्बर चार के पास 33 केवीए की ही अंडरग्राउंड केबल कटने से 18 घंटे से अधिक आपूर्ति ठप रही तो गुरुवार को लाइन ब्रेक हो गई। बिजली विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह करीब छह बजे बरसात के बीच दर्शननगर से अमानीगंज आई 33 हजार की लाइन तकपुरा गांव के पास टूट गई।
खेतों से होकर खुले में गुजरी लाइन टूटने से तीनों उपकेंद्रों की आपूर्ति ठप हो गई। लाइन मरम्मत के लिए गई बिजली कर्मियों की टीम बरसात के कारण एक घंटे मौके पर हाथ बांधे खड़ी रही उसके बाद काम शुरू हुआ। बताया जाता है कि दर्शननगर से अमानीगंज को आई यह लाइन एक दशक से अधिक पुरानी है जिसके कारण जरा सी बारिश और तेज हवा सहने में अक्षम है। इसके बाद अंडरग्राउंड लाइन लाई गई है लेकिन उसमें भी आए-दिन फाल्ट आता रहता है।
गुरुवार को इस 33 हजार की लाइन टूटने से ठप आपूर्ति वाले क्षेत्रों में हाहाकार मचा हुआ है। इन क्षेत्रों का अधिकतर इलाका रामपथ में आता है। वहां पहले से लोग जलापूर्ति का संकट झेल रहे हैं ऐसे में बार – बार घंटों बिजली आपूर्ति का ठप होना कोढ़ में खाज जैसा हो गया है। एसडीओ आर बी वर्मा ने बताया कि लाइन की मरम्मत की जा रही है। उंचाई पर होने के कारण दिक्कतें आ रही है। शीघ्र ही आपूर्ति बहाल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
तीन उपकेंद्रों के यह इलाके हुए प्रभावित
33 हजार केवीए लाइन टूटने से चौक से जुड़े चौक, रीडगंज, हैदरगंज, अंगूरीबाग, खवासपुरा, नहरबाग, नियांवा से जुड़े क्षेत्रों में नियावां, हसनू कटरा, नियांवा, रिकाबगंज रोड समेत अमानीगंज से जुड़े अमानीगंज, आवास विकास, साहबगंज, उदया चौराहा शामिल हैं। बताया जाता है कि चौक से लेकर आंशिक बजाजा और हैदरगंज का इलाका भी चपेट में आया है। आपूर्ति ठप होने से जहां जनजाति अस्त है वहीं व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है।
पहले से ही जलापूर्ति का संकट झेल रही है 25 हजार की आबादी
तीनों उपकेंद्रों के तहत निर्माणाधीन रामपथ क्षेत्र में रहने वाली 25 हजार की आबादी पहले से ही जलापूर्ति संकट झेल रही है। इस दौरान आए दिन आपूर्ति ठप होने से लोगों का जीवन नरक हो गया है। बुधवार से बंद नलकूप गुरुवार को बिजली न होने के बाद नहीं चालू हो सके जिससे लोगों बीते 72 घंटे से लगातार जलापूर्ति की किल्लत झेलनी पड़ रही है। वहीं बरसात के चलते टूटी पाईप लाइनों को दुरुस्त किए जाने का काम भी दोपहर तक ठप रहा।