अमेठी में एक बटन दबाने से दो सेवक के साथ मिलेगी गंगा जमुनी तहजीब।
अमेठी विधानसभा क्षेत्र 3 बार विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री रही रानी अमिता सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि समय-समय पर मांग बदलती है वक्त बदलता है विकास कभी रुक नहीं सकता है । अगर हम अतीत में जाते रहेंगे की क्या नहीं हुआ है किसने नहीं किया है तो मुझे लगता है इस वक्त यह सोचने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन वर्तमान को थाम कर भविष्य के निर्माण के लिए हम लोग कल्पना करके बैठे हैं। शायद पिछले कुछ साल हम यहां पर नहीं रह पाए उसमें बहुत सारी योजनाएं हमारे मन में थी कि अमेठी में होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर मैं कहना चाहती हूं कि मेरे पूज्य ससुर जी स्वर्गीय रणंजय सिंह जी यहां पर शिक्षित क्षेत्र देखना चाहते थे। उस दिशा में चलते हुए आज हम लोगों ने यहां पर एक 11 कॉलेजेज स्थापित किए हैं । लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि बच्चे शिक्षित हो रहे हैं किंतु उन को रोजगार भी मिलना चाहिए। विकास कहीं थमता नहीं है । सर्वांगीण विकास के लिए सड़क भी चाहिए पानी भी चाहिए बिजली भी चाहिए और शिक्षा अगर है तो नौकरी भी चाहिए। आज महिला शक्ति को प्रबल बनाने के लिए हमारी पार्टी हमारे प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यह आह्वान किया जा रहा है कि आधी आबादी को बराबरी से खड़ा कर दो। हमारी महिलाओं को ताकतवर बनाने के लिए सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं शैक्षिक जब सारे विकास को हम जोड़ कर हम बात करेंगे तो बहुत कुछ करना अभी बाकी है। बहुत खुशी का मौका है कि अमेठी की जनता को उनके अपने महाराज वापस मिल रहे हैं। यह बहुत बड़ा सरप्राइज था क्योंकि किसी ने भी यह उम्मीद नहीं की थी कि महाराज दोबारा यहां आकर MLA का चुनाव लड़ेंगे । कई वर्षों से सांसद रहे राज्यसभा में रहे लोकसभा में रहे सामान्यतः यह उम्मीद नहीं की जा रही थी वह भी एक अनुशासित सिपाही हैं। जब पार्टी ने आदेशित किया तो वह तैयार हो गए कि अगर पार्टी चाहती है कि मैं अमेठी का नेतृत्व करूं तो वह तैयार हो गए। अब महाराज के कार्यों में मैं सहयोग करूंगी और जब दोनों मिलकर विकास का कार्य करेंगे तो निश्चित रूप से जो कहीं कुछ रह भी गया होगा उसे जल्दी पूरा करने में सफलता मिलेगी। अमेठी में भी डबल इंजन चलेगा या फिर यह मान लीजिए कि एक बटन दबाएंगे और दो सेवक मिलेगा। अमेठी की जनता की सुरक्षा सम्मान और विकास को हम एक साथ लेकर चलेंगे जियो और जीने दो ही हमारा उद्देश्य होगा लोग स्वतंत्र मन से जिए और सुरक्षित हो कर रहे यहां गुंडागर्दी ना हो क्योंकि यह यह एक बुद्धिजीवियों का क्षेत्र माना गया है गंगा जमुनी तहजीब की परंपरा अमेठी में रही है यहां पर हर समुदाय के लोग प्रेम से साथ रहे हैं। अमेठी चौराहे पर अगर आप देखेंगे तो एक दीवार के पार हमारा मस्जिद और हमारा हनुमानगढ़ी का मंदिर है उसी प्रेम को हम कायम करके अमेठी के लोगों को आगे लेकर चलना चाहते हैं यही हमारा मूल मंत्र है इसी को लेकर हम आगे बढ़ेंगे।