मौकापरस्त लोगों को ‘गिरगिट’ ने किया बेनकाब
- उप्र संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे ऑडिटोरियम में मंचित हुआ लेखक चेखव का विश्व प्रसिद्ध नाटक
- नृत्य प्रस्तुति में दिखी नारी की कहानी
लखनऊ। रुसी लेखक अंतोन चेखव के नाटक ‘गिरगिट‘ ने समाज की कुव्यवस्था पर करारा व्यंग्य कसा है। सोमवार को ज्योतिर्मयी बाल रंगमंच और थर्ड विंग के बाल कलाकारों ने इसी नाटक का मंचन किया। व्यंग्य करते नाटक गिरगिट का मंचन को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में हुआ।
नाटक का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी पुनीत अस्थाना और केशव पंडित ने किया। साथ ही नृत्य-नाटिका जागृति का प्रदर्शन को मंचित किया गया। इसका निर्देशन कथक नृत्यांगना डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव ने किया। इसमें बाल कलाकारों की माताओं ने भाग लिया। इसकी प्रस्तुति सरोज अग्रवाल ने दी।
नाटक ‘गिरगिट‘ का कथानक
एक व्यक्ति को कुत्ता काट लेने पर पुलिस इंस्पेक्टर कुत्ते के खिलाफ बोलने लगता है। पर जैसे ही उसे पता चलता है की कुत्ता बड़े अफसर का है तो वह तुरंत गिरगिट की तरह रंग बदल लेता है। ऐसी हास्य जन्य परिस्थितियों से गुजरता नाटक गिरगिट भ्रष्टचार के कारण पिसती जनता के कष्टों को उजागर करता है।
नाटक में मंच पर दरोगा शेर सिंह का किरदार अविरल त्रिपाठी, हवलदार प्यारे मोहन का अधोक्षज शुक्ला, जेबकतरा का साईशा चावला, नागरिक शिव प्रसाद का ऐश्वर्या अग्रवाल, रावी सिंह, नागरिक तीन कान्हा का कान्हा अग्रवाल, समत्व अग्रवाल, कुत्ता रॉकेट का इवान त्रिपाठी, रामस्वरूप का पावनी अग्रवाल, रामकली-चनेवाली का अग्रिमा अग्रवाल, धुरंधर एक का कनिका बालानी और धुरंधर दो रत्नांगी पंडित ने प्रभावी अभिनय कर प्रशंसा हासिल की।
मंच से परे किरदारों में सेट निर्माण शकील ब्रदर्स, रूप सज्जा मनोज वर्मा, प्रकाश देवाशीष मिश्रा, वेषभूषा नंदिता पंडित और संगीत संकलन का दायित्व शीजा राय ने कुशलता के साथ निभाया। दूसरी प्रस्तुति ‘जागृति‘ रही। उसमें उसमें छोटे-छोटे दृश्यों के माध्यम से समाज में नारी के विभिन्न रिश्तों और हर एक संबंधों को निभाते हुये समाज में नारी के योगदान देने को उजागर किया गया। नृत्य प्रस्तुति में पृशा अग्रवाल, अन्विता रस्तोगी, शुभा त्रिपाठी, रत्नांगी पंडित, आनन्दी अग्रवाल डॉ.पारुल त्रिपाठी ने भाग लेकर तालियां बटोरीं।