
गोरखपुर स्थित AIIMS (एम्स) ने एक चौंकाने वाला शोध प्रस्तुत किया है जिसमें बताया गया है कि शरीर में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल केवल हृदय के लिए ही नहीं, दिमाग के लिए भी खतरनाक है। अध्ययन में पाया गया कि उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर से याददाश्त कमजोर होने और भूलने की समस्या तेज़ी से बढ़ सकती है।
AIIMS गोरखपुर के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किए गए इस शोध में विभिन्न उम्र के लोगों को शामिल किया गया। नतीजों से पता चला कि जिन लोगों के रक्त में एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा अधिक थी, उनमें स्मृति ह्रास और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसे लक्षण अधिक देखे गए।
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विशेषज्ञों के अनुसार कोलेस्ट्रॉल की अधिकता मस्तिष्क की नसों में सूजन (inflammation) और ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा करती है, जिससे न्यूरॉन क्षतिग्रस्त होते हैं। इससे अल्ज़ाइमर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
शोधकर्ताओं ने लोगों को सलाह दी है कि वे अपना कोलेस्ट्रॉल नियमित रूप से जांचें, संतुलित आहार लें, व्यायाम करें और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहें। खासतौर पर 40 की उम्र के बाद कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना आवश्यक है।
यह शोध आने वाले दिनों में मेडिकल गाइडलाइंस को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि अब कोलेस्ट्रॉल को केवल कार्डियक नहीं, न्यूरोलॉजिकल रिस्क फैक्टर के रूप में भी देखा जा रहा है।