सीएम योगी ने किया मेट्रो टनल की खुदाई का शुभारंभ, एक दिन में 12 मीटर खोदेगी टीबीएम
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा पहुंच गए हैं। खेरिया एयरपोर्ट पर आगरा के जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद मुख्यमंत्री आगरा किला के सामने रामलीला मैदान पहुंचे, यहां मेट्रो के टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। रविवार को उन्हें आना था, लेकिन ऐन वक्त पर गाजियाबाद में पार्टी कार्यक्रम में जाने के कारण कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
गंगा, यमुना टीबीएम का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने रामलीला मैदान में लॉन्चिंग शाफ्ट पहुंचकर रिंग सेगमेंट पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद पूजा-अर्चना कर बटन दबाकर टनल निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। आगरा में टनल बोरिंग मशीनों (टीबीएम) को गंगा और यमुना का नाम दिया गया है, जबकि कानपुर में इनका नाम तात्या और नाना था। हर दिन 10-12 मीटर तक टनल तैयार की जाएगी। यूपी मेट्रो कारपोरेशन की ओर से आगरा मेट्रो के भूमिगत भाग में अप एवं डाउन ट्रैक के लिए दो समानांतर सुरंगों का निर्माण किया जाना है।
ये बोले मुख्यमंत्री
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन पर्यावरण के सभी मानकों का पालन करते हुए समय से छह माह पूर्व पूर्वी कॉरिडोर के कार्य को संपन्न करने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ा है। आज यहां पर गंगा और यमुना दो अंडरग्राउंड टनल निर्माण के कार्य का शुभारंभ हुआ है। मुझे प्रसन्नता है कि उत्तर प्रदेश में हम पहले से ही लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और कानपुर में मेट्रो सेवाओं का संचालन कर रहे हैं। आगरा में विकास और रोजगार के बेहतर सृजन के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अत्याधुनिक साधन की यहां के जनप्रतिनिधिगण लंबे समय से मांग करते रहे हैं। हमारा प्रयास है कि दिसंबर 2023 तक हम लोग कोरिडोर के कार्य जो लगभग 6 किलोमीटर है, इसे पूरा करने में सफल होंगे। इसके लिए दो कोरिडोर पहले विकसित करने के लिए स्वीकृति दी गई है, जो 29 किलोमीटर 400 मीटर लंबा है। कोरिडोर के कार्य पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। सुरक्षा के सभी मांगों को पूरा किया जा रहा है और आज यहां पर पुनर्निर्माण के कार्यक्रम का भी हमने शुभारंभ किया है।
किले से ताज के बीच चलेगी टीबीएम
टनल बोरिंग मशीन को सोमवार को रामलीला मैदान से लांन्च किया गया। यहां से ताजमहल तक टनल बनाई जाएगी। शाहजहां गार्डन में मिड शाफ्ट बनाई गई है, ताकि किसी भी आपातकाल की स्थिति में बीच में ही टीबीएम को आसानी से निकाला जा सके। पुरानी मंडी चौराहे के पास ‘रिट्रीवल शाफ़्ट’ होगी, जहां से टीबीएम को निकाला जाएगा। दूसरी टीबीएम आरबीएस कॉलेज मेट्रो स्टेशन से नीचे उतारी जाएगी और जामा मस्जिद स्टेशन के पास निकाली जाएगी। अभी प्राथमिकता कॉरिडोर में टीबीएम गंगा-यमुना जामा मस्जिद से ताजमहल की दिशा में टनल का निर्माण करेंगी। यहां ताजमहल, आगरा किला एवं जामा मस्जिद भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे।
ऐसे होगा मेट्रो टनल का निर्माण
टनल निर्माण में सबसे पहले टीबीएम को क्रेन की मदद से लॉन्चिंग शाफ्ट में उतार कर उन्हें जोड़ा जाता है। टीबीएम के पिछले हिस्से में स्थित सेगमेंट इरेक्टर की मदद से कास्टिंग यार्ड में प्रीकास्ट तकनीक से निर्मित टनल रिंग सेगमेंट्स को लगाया जाता है। एक टीबीएम दिन में औसतन 10 मीटर टनल का निर्माण करती है। मशीन में सबसे आगे कटिंग हेड होता है, जिसकी मदद टीबीएम मिट्टी को काटते हुए सुरंग की खुदाई करती है। कटिंग हेड में एक विशेष किस्म के केमिकल का छिड़काव करते हैं, जिससे मिट्टी कटर पर नहीं चिपकती और कनवेयर बेल्ट की मदद से मशीन के पिछले हिस्से में चली जाती है, जहां से ट्रॉली के जरिए मिट्टी को टनल से बाहर लाया जाता है।
रेल के जरिए आगे बढ़ती है टीबीएम
यूपी मेट्रो के पीआरओ पंचानन मिश्रा ने बताया कि टनल बोरिंग मशीन रेल के जरिए आगे बढ़ती है। इसके पिछले हिस्से में प्रीकास्ट रिंग सेगमेंट को लॉन्च करने की व्यवस्था भी होती है। टनल निर्माण के दौरान रिंग सेगमेंट लगाने के बाद टीबीएम से ही रिंग सेगमेंट एवं मिट्टी के बीच में सॉल्यूशन भर दिया जाता है, जो कि रिंग सेगमेंट्स और मिट्टी के बीच मजबूत जोड़ बनाकर टनल को मजबूती देता है। टीबीएम के मिड शील्ड में लगे थ्रस्टर्स मशीन को आगे बढ़ने में मदद करते हैं।