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‘संविधान का गला घोंटने वाले संविधान बचाने का ढिंढोरा पीठ रहे’, प्रयागराज में बोले सीएम योगी

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के अगले दिन परोक्ष रूप से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था, आज वे लोग संविधान बचाने का ठेका लेकर ढिंढोरा पीट रहे हैं।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय के 136वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सभा को संबोधित करते हुए कहा, “संविधान की मूल प्रति में कहीं भी पंथ निरपेक्ष और समाजवादी शब्द नहीं है। कहीं भी ये दो शब्द नहीं हैं। ये शब्द तब जोड़े गए जब संसद भंग थी, न्यायपालिका के अधिकार शून्य कर दिए गए थे। लोकतंत्र पर कुठाराघात हुआ था।” योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जिन लोगों ने संविधान का गला घोंटने का काम किया था, आज वे लोग ढिंढोरा पीट रहे हैं कि संविधान खतरे में है, लोकतंत्र खतरे में है। प्रश्न उठता है कि समाज इन लोगों को मूल्यांकन कब करेगा जो स्वयं लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।”

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “इन्होंने संविधान में छेड़छाड़ करने का कुत्सित प्रयास ही नहीं किया, बल्कि लोकतंत्र को पूरी तरह से पंगु बनाने का प्रयास किया। भारतीय मनीषियों ने धर्म को उपासना का पर्याय कभी नहीं बनाया था। धर्म की बहुत विराट परिभाषा है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत का संविधान कर्तव्य, सदाचार और नैतिक मूल्यों का प्रवाह है जिस पर व्यक्ति और समाज का जीवन टिका है, वही धर्म है। भारतीय मनीषियों ने धर्म को संकीर्ण करके किसी दायरे में कभी नहीं रखा।”

उन्होंने कहा, “आज इन युवाओं के आदर्श कौन हों.. समाजवाद के नाम पर परिवारवाद की चाटुकारिता करने वाले? आखिर क्या कहा था राम मनोहर लोहिया ने? सच्चा समाजवादी वह है जो संपत्ति के मोह से दूर हटकर काम कर सके। क्या ये लोग (सपा के लोग) संपत्ति के बगैर रह पा रहे हैं या एक परिवार का गुलाम बनकर उनकी चाटुकारिता कर रहे हैं?”

योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आखिर जय प्रकाश नारायण, नरेंद्र देव आचार्य, डाक्टर राम मनोहर लोहिया का आदर्श कहां चला गया। देश के अंदर रामायण मेलों की शुरुआत डाक्टर राम मनोहर लोहिया ने की थी। आज युवाओं को सुभाष चंद्र बोस जैसे महान लोगों के उद्घोष के बारे में सोचना होगा।”

मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि और इस विश्वविद्यालय के भूतपूर्व छात्र कुमार विश्वास को मानद उपाधि से सम्मानित किया। उन्होंने साथ ही आठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए, जिनमें सात छात्राएं शामिल थीं।

दीक्षांत समारोह में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आशीष कुमार चौहान विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इनके अलावा, कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, फूलपुर सांसद प्रवीण पटेल, महापौर गणेश केसरवानी सहित कई विधायक, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह में वर्ष 2024 में उत्तीर्ण हुए कुल 144 छात्र छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं।

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