लोहिया संस्थान में मानव संसाधन की आपूर्ति कराने वाली एजेंसी के खिलाफ हुई शिकायत
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की आउटसोर्सिंग एजेंसी सुदर्शन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ श्रम एवं सेवायोजन के अपर मुख्य सचिव से शिकायत हुई है। शिकायतकर्ता ने एजेंसी पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी देने में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुये जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
यह शिकायत बीजेपी के लखनऊ महानगर युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश ने की है। श्रम एवं सेवायोजन के अपर मुख्य सचिव को भेजे गये शिकायती पत्र में कहा गया है कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मानव आपूर्ति के लिए अनुबंधित सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी द्वारा नियम विरूद्ध आउटसोर्सिग नियुक्तियां की जा रही है।
डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अप्रैल 2022 से लगातार हर माह नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन, चतुर्थ श्रेणी, कप्यूटर ऑपरेटर आदि पदों पर सेवायोजन पोर्टल पर विज्ञप्ति जारी की जाती है। जिस पर भारी संख्या में आवेदन भी आते हैं संस्थान तथा सेवा प्रदाता के लोग इंटरव्यू के पश्चात योग्य अभ्यर्थियो का भी चयन नहीं करते हैं तथा दो चार दिनों बाद ही फिर वेबसाइट पर विज्ञप्ति जारी कर दी जाती है। इस प्रकार की प्रक्रिया पिछले 7 महीने से जारी है।
पत्र में आगे कहा गया है कि शासन के लघु सूक्ष्म उद्यम मध्यम विभाग के आदेशानुसार पूर्व में कार्यरत कर्मचारियो को ही नई सेवा प्रदाता फर्म द्वारा सेवा में रखा जाएगा तथा नए सृजित पदों पर ही सेवायोजन विभाग में पंजीकृत लोगो की नियुक्ति की जाएगी।
जिसमें एक पद पर तीन अभ्यर्थी के अनुसार कुल रिक्त पदों का 3 गुना अभ्यर्थियों की लिस्ट सेवायोजन विभाग द्वारा सेवा प्रदाता फर्म को दिए जाने तथा इसी सूची से कर्मचारियों को चयनित किए जाने की व्यवस्था की गई है, लेकिन बड़े खेद का विषय हैं कि संस्थान मे 7 माह मे लगभग 15 बार विज्ञप्ति जारी होने, इटरव्यू के बाद भी अभी तक सुदर्शन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विज्ञप्ति सेवायोजन की वेबसाइट पर अपलोड की जा रही है।
इसके साथ ही बिना सेवायोजन के सैकड़ों कर्मचारी रिलीवर के रूप में रखे गए है और संस्थान के एक अधिकारी द्वारा अलग से सीधे इंटरव्यू लेकर भर्ती किए जाने का मामला भी जानकारी में आया है। पत्र में इस प्रकार आरोप लगाते हुये आगे कहा गया है कि अभ्यर्थियों से आवेदन के बाद इंटरव्यू में योग्य अभ्यर्थियों का चयन कमेटी द्वारा नहीं किया जा रहा है या फिर सेवा प्रदाता फर्म द्वारा बेरोजगारों से धन उगाही किए जाने का मामला भी हो सकता है। शिकायतकर्ता ने इस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।