कांग्रेस में इस्तीफों का सिलसिला जारी, गाजीपुर सदर सीट से टिकट न मिलने से नाराज कुसुम तिवारी ने भी छोड़ी पार्टी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. टिकट न मिलने से नाराज एक महिला कार्यकर्ता ने इस्तीफा दे दिया है. नाराज कार्यकर्ताओं के पार्टी छो़ने का सिलसिला लगातार जारी है. गाजीपुर में पीसीली सदस्य पंकज दुबे ने अपनी पत्नी के लिए सदर विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी. वहीं महिला कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष और पीसीसी सदस्य कुसुम तिवारी ने भी अपने लिए पार्टी से टिकट मांगा था. लेकिन कांग्रेस उच्च नेतृत्व ने सदर विधानसभा से लोटन राम निषाद को उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके बाद अब कार्यकर्ता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. टिकट न मिलने से नाराज पंकज दुबे ने पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की में शामिल हो गए थे.
वहीं अब नाराज कुसुम तिवारी ने भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर लोक जनशक्ति पार्टी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. कुसुम तिवारी ने बताया कि मंगलवार को गाजीपुर के एक होटल में उनकी लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार समेत अन्य नेताओं से मुलाकात हुई थी. अच्छी नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने पार्टी का हाथ थामने का फैसला ले लिया. कुसुम तिवारी ने बताया कि अब वह सदर विधानसभा से लोकतांत्रित जनशक्ति पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगी. कुसुम तिवारी ने कहा कि वह पिछले 23 साल से कांग्रेस से वर्ष से कांग्रेस से जुड़ी रहीं. वह पार्टी में कई सीनियर पदों पर भी रहीं.
कुसुम तिवारी का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
कुसुम तिवारी ने कहा कि उन्होंने निष्ठा और ईमानदारी के साथ कांग्रेस के लिए यह सोचकर कार्य करती रहीं कि उन्हें पार्टी सम्मान देगी. कुसुम ने बताया कि कांग्रेस के टिकट पर सदर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वह पिछले कई महीने से लगातार जनसंपर्क में जुटी हुई थीं. उन्होंने हजारों लोगों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराने के साथ ही उन्हें पार्टी की नीतियों से अवगत कराया. कुसुम तिवारी ने कहा कि उनके समर्थक लगातार उन पर सदर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे थे. इसलिए उन्होंने पार्टी से पहले ही टिकट की मांग की थी.
राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से उन्हें टिकट देने को लेकर भरोसा भी दिलाया गया था. जिसके बाद उन्होंने टिकट की उम्मीद में जनसंपर्क का दायरा और बढ़ा दिया था. कुसुम तिवारी ने बताया कि पार्टी ने सदर सीट पर उनकी जगह लौटन राम निषाद को प्रत्याशी घोषित कर दी. इस बात से उनके साथ ही उनके समर्थक भी काफी निराश हैं. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उके कई सालों की मेहमत का ये सिला मिलेगा, ये नहीं सोचा था.
‘सदर सीट से चुनाव लड़ने का फैसला’
कुसुम तिवारी का कहना है कि उन्हें झटका इस बात ले लगा कि जिसे कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है उसका न तो राजनीतिक और न ही सामाज में कोई अच्छी पहचान है. फिर भी पार्टी ने ऐसा फैसला क्यों लिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इस फैसले से वह और उनके समर्थक काफी दुखी हैं. समर्थकों की गुजारिश पर उन्होंने लोकतांत्रित जनशक्ति पार्टी के बैनर तले सदर सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है. 16 फरवरी को वह नामांकन दाखिल करेंगी. कुसुम ने कहा कि सर्वसमाज उनके साथ खड़ा होकर समर्थन देने के लिए तैयार है. वह मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगी.
बता दें कि कांग्रेस प्रदेश महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं को टिकट वितरण में 40% का आरक्षण के साथ ‘बेटी हूं लड़ सकती हूं’ का नारा दिया था. लेकिन विधानसभा चुनाव में ऐसा कुछ होता नहीं दिख रहा है. यही वजह है कि कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं.