
प्रयागराज। अखिल भारतीय सरदार पटेल सेवा संस्थान आलोपीबांग परिसर में 09 दिवसीय विराट किसान मेला 2023 के नौवें दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम कीं अध्यक्षता मा0 सांसद श्रीमती केशरी देवी पटेल द्वारा की गयी। विशिष्ठ अतिथि के रूप डा0 आर0 के0 मौर्य, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल, की गरिमामयी उपस्थिति रही। विनोद कुमार, उप कृषि निदेशक प्रयागराज, सुभाष मौर्य, जिला कृषि अधिकारी, मुकेश कुमार, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, गौरव प्रकाश, भूमि संरक्षण अधिकारी, एच0एन0 सिंह, सहायक निदेशक, मृदा परीक्षण प्रयागराज, विश्व प्रकाश श्रीवासतव, प्रभारी खाद्य प्रसंकरण, विभाग, प्रयागराज एवं श्रीमती निमिशा नटराजन, कृषि वैज्ञानिक, के0वी0के0 नैनी, डा0 अजय कुमार के0वी0के0 नैनी, श्री मनीष केशरवानी, कृषि वैज्ञानिक, डा0 अमितेश कुमार कृषि वैज्ञानिक के0वी0के0 वाराणसी, डा0 राहुल कुमार कृषि वैज्ञानिक के0वी0के0 वाराणसी डा0 मुकेश पी0 मसीह कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी डा0 सर्वेन्द्र कुमार कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी डा0 मनीष कुमार कृषि वैज्ञानिक शुआट्स नैनी प्रयागराज उपस्थित रहे।
उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए फूलपुर की सांसद श्रीमती केशरी देवी पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में किसानों के उत्थान हेतु नित नये कार्य किये जा रहे हैं। इस क्रम में सरदार पटेल संस्थान में आयोजित 09 दिवसीय विराट किसान मेला किसानों के लिये बहुत उपयोगी होगा। किसानों नयी तकनीकी अपना करके, जैविक खेती करके अपनी आमदनी बढ़ानी चाहिए।
के0वी0के0 वाराणसी से आये डा0 अमितेश कुमार सिंह ने जायद फसलों की खेती पर चर्चा करते हुए बताया कि जायदकालीन उदर््, मूंग, एवं सूर्यमुखी की फसलों की बुआई बीज शोधन, भूमि शोधन, एवं बीज उपचार के पश्चात् ही करना चाहिए। जायद काल में दलहनी फसलों के लेने से फलियों को तोड़ लेने के बाद शेष कार्बनिक पदार्थ खेत में सड़ा देने से हरी खाद का काम करती है इससे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है, उद्, मूंग की सिंचाई 25 से 30 दिन में अवश्य करनी चाहिए। दलहनी फसलों के लेने से खरीफ, फसलों में उर्वरक का प्रयोग कम करना पड़ता है।
के0वे0के0 वाराणसी से आये डा0 राहुल कुमार ने किसान उत्पादक संगठन के गठन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा कीं। संगठन की शक्ति से किसानों की माली हालत न केवल बेहतर होती है, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा और समृद्धि बढ़ती है। अच्छे संगठन के लिये बहुत कम और बहुत ज्यादा सदस्य नहीं होने चाहिए। निदेशकों के चुनाव में रक्त संबंधियों को प्राथमिकता नही देना चाहिए। शुआट्स संस्थान नैनी से डा0 अजय कुमार ने मधुमक्खी पालन एवं उसके बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया कि अच्छे लाभ के लिये एपिस मेलीफेरा नस्ल की मधुमक्खियों का पालन करना चाहिए। मधुमक्खी पालन से आमदनी दोगुनी करने के लिये, आफ सीजन में बक्सों को जहाॅं पर फूल वाली फसले हों वहां पर माइग्रेट करना चाहिए। शहद के प्रसंस्करण के माध्यम से अच्छा पैंकिंग करके अच्छा बाजार मूल्य प्राप्त होता है।
शुआट्स संस्थान नैनी से आये कृषि वैज्ञानिक डा0 शैलेन्द्र कुमार ने जायद समय में सब्जियों की खेती पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सब्जियों की खेती में स्प्रिंकलर, डिप सिंचाई, करने से पानी की बचत के साथ-साथ पैदावार में बढ़ोत्तरी होती है। बेल वाली सब्जियों को मचान बनाकर उगाना चाहिए। सुभाष मौर्य, जिला कृषि अधिकारी, प्रयागराज द्वारा उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त करने हेतु विपणन प्रक्रिया की तरफ ध्यान आकृष्ठ करते हुए कृषकों को जानकारी दी गयी कि कृषक भाई पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि की व्यवस्था करके उत्पाद का अच्छा मूल्य प्राप्त कर सकते हैं जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होती है।
आज के कार्यक्रम में कृषि से संबंधित विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा कृषकों की जानकारी के लिये 60 स्टाल लगाये गये तथा लगभग 1000 कृषकों द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा सांसद फूलपुर, केशरी देवी पटेल प्रयागराज को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह् भेंट किया गया। कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि द्वारा मेले में लगे हुए विभिन्न विभागों, निजी कंपनियों, संस्थानों के स्टालों को पुरस्कृत करते हुए स्मृति चिन्ह्, मेडल एवं अंगवस़्त्रम देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन इंदिरा कान्त पाण्डेय, पूर्व उप परियोजना निदेशक, आत्मा प्रयागराज द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा स्मृति चिन्ह्, मेडल एवं अंगवस़्त्रम देकर सम्मानित किया गया।
उप कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज की अनुमति से कृषकों, अधिकारियों एवं मीडिया सेल को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गयी।