दोस्ती करो तो श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी – उषा रामायणी
ऊषा रामायणी जी ने सातवें दिन सुनाई सुदामा चरित की कथा।
अमेठी 27 जनवरी 2023 अमेठी के कालिकन भवानी धाम के निकट पांडेयपुर बेलखरी में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का आज सातवां एवं आखिरी दिन है आज अंतरराष्ट्रीय कथा व्यास साध्वी दीदी उषा रामायणी जी सुदामा चरित सहित कई कथाओं का रसपान कराया।
बहम्श्री आश्रम चित्रकूट धाम की संस्थापिका एवं संरक्षिका साध्वी दीदी उषा रामायणी जी की 21 जनवरी से भागवत महापुराण की कथा चल रही है आज कथा का आखिरी दिन है कल 28 जनवरी को हवन और भंडारा आयोजित है।
दीदी उषा रामायणी जी ने 21 जनवरी को कलश यात्रा में शामिल होने के साथ ही भागवत महापुराण के महात्व,22जनवरी को सृष्टि का वर्णन बराह भगवान के अवतार,23 जनवरी अजामिल प्रसंग भक्त प्रहलाद की कथा,24जनवरी को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव,25 जनवरी बाल लीला का वर्णन,26जनवरी को रूक्मिणी का विवाह और आज 27 जनवरी को सुदामा चरित की कथा सुनाई।
समाजसेवी लाल जी पांडेय द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का रसपान करने के लिए क्षेत्रीय लोगों के साथ ही गैर जनपद के लोग भी पहुंचे।अमेठी जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला, भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह पिंटू ,एम एल सी अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी सहित तमाम गणमान्य लोगो ने भी पहुंचकर कथा था आनंद लिया। इस दौरान मीडिया के लोगों का भी जमवाड़ा रहा पत्रकारो का ऊषा रामायणी जी ने संज्ञान भी किया।
कथा व्यास दीदी ऊषा रामायणी जी की कथा को सुन स्रोता नाचते गाते भगवान की जयकारा लगाते देखें गये पूरा वातावरण सनातन मै नजर आ रहा था।
कथा के आज अंतिम दिन जन शैलाब उमड़ पड़ा था क्योकि लोग यह भी कहते नजर आये की अब इसके बाद दीदी ऊषा रामायणी जी की कथा कब सुनने को मिलेगी पता नहीं है…
सांथ्वी दीदी ऊषा रामायणी जी आज दोपहर राजेश मसाला परिवार के अनुरोध पर उनके घर गयी जहां राजेश मसाला सहित परिवार ने उनका जोरदार स्वागत किया इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला, उनकी पत्नी चंद्रमा देवी सहित पूरे मसाला परिवार ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। दीदी उषा रामायणी जी ने राजेश मसाला संस्थान को भी देखा। इस अवसर पर रामायणी जी के साथ पीटीआई के जिला संवाददाता तारकेशवर मिश्रा एवं बेलखरी कथा के आयोजक लाल जी पांडेय भी मौजूद थे।
भागवत महापुराण कथा की सातवें और अंतिम दिन आज दीदी ऊषा रामायणी जी ने स्रोताओं को सुदामा चरित सहित कई अन्य कथाओं का रसपान कराया रामायणी जी ने
रामायणीजी ने बताया कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र (सखा) से मिलने के लिए द्वारिका पहुंचे सुदामा ने वहां द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वार पर द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला समझकर रोक दिया। सुदामा ने कहा वह कृष्ण के मित्र हैं। इस पर द्वारपाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है।अपना नाम सुदामा बता रहा है। जैसे ही द्वारपाल के मुंह से उन्होंने सुदामा का नाम सुना प्रभु सुदामा सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा सखा को देखकर उन्होंने अपने सीने से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में ले गए ओर उनका अभिनंदन किया।
कथाव्यास ने कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। कथा में आज महाराज अमेठी डा संजय सिंह ने पहुंचकर कथा का रसपान किया लोगों से मुलाकात की ।सांथ्वी ऊषा रामायणी जी ने संज्ञान भी किया।