किसी के बहकावे में हरगिज़ मत आओ, सड़कों पर उतरना सांप्रदायिक शक्तियों की जीत
- जमीयत उलमा ए उत्तर प्रदेश पूर्वी ज़ोन की समुदाय के युवाओं से अपील
वाराणसी। भाजपा नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयान के बाद कानपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में जुमे की नमाज के बाद हिंसक प्रदर्शन, पत्थरबाजी, आगजनी आदि की घटनाओं को लेकर जमीयत उलमा ए उत्तर प्रदेश पूर्वी ज़ोन ने समुदाय के युवाओं से बड़ी अपील की है।
जमीयत उलमा ए उत्तर प्रदेश पूर्वी ज़ोन के जनरल सेक्रेटरी हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह ने बुधवार शाम बयान जारी कर कहा कि हम अपने पैगंबर की शान में गुस्ताखी हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम कानून के दायरे में लोकतांत्रिक तरीके पर अपना विरोध दर्ज कराएंगे और इसके खिलाफ हर संभव कानूनी कार्रवाई भी करेंगे।
इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सड़कों पर उतर जाएं और असामाजिक तत्वों के जाल में फंस जाएं। हम अपने युवाओं से अपील करते हैं कि खुदा के लिए होश में आओ, किसी के बहकावे में हरगिज़ मत आओ, आपका सड़कों पर उतरना सांप्रदायिक शक्तियों की जीत है, वो इस इंतज़ार में हैं कि आप सड़कों पर उतरे और वो अपने मकसद में कामयाब हो जाएं।
उन्होंने कहा कि यदि हम वास्तव में हम अपने नबी से मुहब्बत करते हैं, तो इसके लिए हमें आपकी शिक्षाओं को अपनाने की आवश्यकता है। नबी ने फरमाया: जो तुमसे रिश्ता तोड़े, तुम उससे रिश्ता जोड़ो, जो तुम्हारे साथ ज़ुल्म करे तुम उसको माफ कर दो, जो तुम्हारे साथ बदसुलूकी करे तुम उसके साथ एहसान करो। याद रखें कि नफरत को कभी भी नफरत से नहीं मिटाया जा सकता। कुरान कहता है, जवाब दो उसके द्वारा जो उससे बेहतर हो, फिर तुम देखोगे कि जिससे तुम्हारी दुश्मनी थी, वह ऐसे है जैसे वह तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त है।
जमीयत उलमा ए उत्तर प्रदेश पूर्वी ज़ोन के जनरल सेक्रेटरी हाफ़िज़ ओबैदुल्लाह ने कहा कि इस समय हमारा देश बहुत ही विकट स्थिति से गुजर रहा है। सांप्रदायिकता और नफरत का बाज़ार अपने चरम पर है। ऐसा लगता है कि कानून व्यवस्था लागू करने वाली एजेंसियां और अधिकारी कानून को लागू करने में और अपने लोगों का विश्वास हासिल करने में विफल साबित हो रहे हैं। पीड़ितों की पुकार सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में एक ज़िम्मेदार नागरिक के तौर पर हमारी भी कुछ ज़िम्मेदारियां हैं।
उन्होंने युवाओं से अपील किया कि अपने जज़्बात पर कंट्रोल करें, ये नफरती तत्व केवल मुट्ठी भर हैं (जो किसी भी समाज में हो सकते हैं), हम उनके बहकावे में आकर देश और समाज के लिए परेशानी और अपमान का कारण न बनें। अपने से बड़ों पर भरोसा करें और उनके बताए रास्ते पर चलें। अल्लाह की तरफ मुतवज्जाह हों, अपने गुनाहों की तौबा करें, नमाज़ बजामात का एहतेमाम करें। रात लंबी हो सकती है लेकिन इंशाअल्लाह सुबह भी ज़रूर होगी।