ई-दाखिल पोर्टल बनेगा उपभोक्ताओं का हथियार
- न्याय की राह होगी आसान, कोर्ट-कचहरी के चक्कर से मुक्ति
- ई-दाखिल पोर्टल से उपभोक्ता धोखेबाजों को सिखाएंगे सबक
मीरजापुर। अब ऑनलाइन शापिंग के अलावा अगर कोई दुकानदार किसी प्रकार की धोखाधड़ी करता है तो ई-दाखिल पोर्टल उपभोक्ताओं का हथियार बनेगा और धोखेबाजों को सबक सिखाएगा। ई-दाखिल पोर्टल पर उपभोक्ता किसी भी ई-कामर्स लेन-देन, कंपनी, स्टोर, डीलर या दुकानदार की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकेंगे। इसके लिए पहले पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
अब उपभोक्ताओं की ई-दाखिल पोर्टल से न्याय की राह आसान हो सकेगी। उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम के तहत समूची शिकायत प्रणाली को सुचारू बनाने के उद्देश्य से यह प्रणाली शुरू हुई है। ऑनलाइन ई-दाखिल पोर्टल पर शिकायत के साथ फीस का ऑनलाइन भुगतान भी किया जा सकेगा। केस की रोजाना की कार्यवाही भी ऑनलाइन देखी जा सकेगी। संबंधित पक्षों को केस की स्थिति का अपडेट नियमित तौर पर एसएमएस से भेजा जाएगा। पहली अपील, रिवीजन पिटीशन, रिमाइंडर भी पोर्टल पर दायर किया जा सकेगा। शिकायत के साथ अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज में कोई गलती पाई जाती है तो इसकी जानकारी भी दी जाएगी। ई-दाखिल पोर्टल पर शिकायत, अपील, फीस आदि की पूरी जानकारी दी गई है।
न भागदौड़ न वकील की जरूरत, घर बैठे कर सकेंगे शिकायत
ई-दाखिल पोर्टल पर उपभोक्ता घर बैठे मोबाइल से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जैसे यदि आपने कोई सामान वाराणसी या प्रयागराज से खरीदा और आप मीरजापुर में रहते हैं तो आप मीरजापुर से ही पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। दरअसल, जहां से आप सामान या सेवा लेते हैं, वहां के ही उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। ऐसे में ई-दाखिल पोर्टल भागदौड़ से निजात दिलाएगा ही, उपभोक्ता कहीं से भी ऑनलाइन शिकायत कर सकेंगे। इसके लिए किसी वकील की आवश्यकता नहीं है।
जागरूक हों, उपभोक्ता फोरम में मिलेगा न्याय
उपभोक्ता जागरूक हैं तो उपभोक्ता फोरम भी साथ है। उपभोक्ता फोरम अपनी वेबसाइट और इंटरनेट मीडिया माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों को लेकर जागरूक करता रहता है, ताकि उपभोक्ता किसी भी तरह के धोखे का शिकार न हो।
ई-दाखिल पोर्टल से विवाद समाधान प्रक्रिया सरल
उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नंदलाल ने बताया कि बाजारवाद के दौर में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 बनाया गया था, लेकिन बदलते समय और शिकायतों के कारण अब इस अधिनियम को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में बदल दिया गया है। नया अधिनियम समग्र और कठोर होने के साथ सरलीकृत विवाद समाधान प्रक्रिया व शिकायतों के ई-फाइलिंग का प्रावधान भी लाया है।
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा ई-दाखिल पोर्टल
वर्तमान उपभोक्तावाद के युग में लोगों में किसी भी जरूरी-गैर जरूरी चीज को खरीदने की होड़ सी लगी हुई है। शायद इसी का फायदा कुछ विक्रेता और कंपनियां उठा रही हैं। ये लोग कई बार लोगों को घटिया क्वालिटी की चीजें बेच देते हैं, टूटे हुए उत्पाद बेच देते हैं और तय कीमत से अधिक कीमत वसूल लेते हैं। यही नहीं, कई बार तो वस्तु की मात्रा भी कम दी जाती है। इस तरह की ठगी आएदिन किसी न किसी उपभोक्ता के साथ होती ही रहती है। ऐसे में ई-दाखिल पोर्टल उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करेगा।
आवेदन करने की फीस
- पांच लाख रुपये तक कोई फीस देय नहीं।
- पांच से 10 लाख रुपये तक दो सौ रुपये होंगे देय।
- 10 से 20 लाख रुपये तक चार सौ रुपये होंगे देय।