धरती हमारी माता है और हर एक को है इसे बचाना : योगी आदित्यनाथ
- सीएमएस के वर्ल्ड कन्वेशन सेंटर में आयोजित मिट्टी बचाओ अभियान में मुख्यमंत्री हुए शामिल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विलुप्त होती मिट्टी को बचाने की चिंता की गई। ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी‘… श्रीमद्वाल्मीकि रामायण के इस श्लोक को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने‘ भूमि बचाओं अभियान‘ में अपनी मिट्टी की महत्ता बताते उद्धृत किया। उन्होंने कहा कि धरती हमारी माता है और हर एक को मिट्टी बचाओं अभियान से जुड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री मंगलवार को ईशा फाउण्डेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन कानपुर रोड, एलडीए कॉलोनी स्थित सीएमएस के वर्ल्ड कन्वेशन सेंटर में हुआ था।
योगी आदित्य नाथ ने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को फ्री सॉयल हेल्थ कार्ड बाटे थे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में प्रदेश की छोटी-बड़ी 60 नदियों को पुनर्जीवित किया गया। कानपुर मे जब प्रधानमंत्री आए थे, तब नमामि गंगे अभियान चलाया गया था, जिससे गंगा नदी में स्वच्छ निर्मल करने का अभियान चला। वहां के जाजमऊ में हमारी सरकार से पहले बहुत सीवर गिरता था। गंगा नदी में जलीय जीव मर गए थे। जाजमऊ जहां पहले सीवर पॉइंट हुआ करता था वहां इस समय सेल्फी पॉवाईट बन गया। वहंा गंगा नदी में जलीय जंतु भी फिर से दिखाई पड़ते है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की भूमि सबसे उर्वरा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले सालों में बृहद स्तर पर 100 करोड़ वृक्षारोपड़ किया गया हैं। इस साल भी वनमहोत्सव पर 35 करोड़ वृक्षारोपड़ करने की योजना है। जिसकी तैयारियां चल रही है।
जीवन में मिट्टी को बचाना सबसे बड़ी चिंता : सद्गुरू
इससे पहले मिट्टी बचाओं अभियान के प्रणेता सद्गुरू ने नष्ट होती मिट्टी पर अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर हम अभी से अपनी मिट्टी बचाने के प्रति सचेत न हुए तो आने वाली पीढ़ी के लिए क्या छोड़ जाएंगे। इस बात पर उन्होंने जोर दिया कि दूसरे सारे पर्यावरण के मुद्दे तभी प्रासंगिक हैं जब मिट्टी जीवित हो, सद्गुरु ने मिट्टी-विलोपन को एक अलग मुद्दे की तरह लेने की जरूरत पर बल दिया। जब मिट्टी का विलुप्त होना जाहिर होने लगे, तो इनमें से किसी भी चीज के मायने नहीं रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि सब कुछ मिट्टी से ही और मरने के बाद मिट्टी मे ही मिल जाना है।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के सामने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुत कृषि क्षेत्र है। इस प्रदेश को मिट्टी बचाओं को नेतृत्व करना चाहिए। उन्होनंे मुख्यमंत्री योगी प्रशंसा करते हुए उनके नेतृत्व में प्रदेश विकास कर रहा है। कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्री सूर्य प्रताप शाही, न्यायमूर्ति डी.के. सिंह, प्रदेश के मुख्य सचिव डी.एस. मिश्र, एडिशनल होम सेक्रेटरी अवनीश अवस्थी सहित अन्य अतिथि उपस्थित थे।
सद्गुरू के बारे में
27 देशों से होकर सद्गुरु अकेले मोटरसाइकिल से 100-दिवसीय यात्रा कर आए है। अभियान में अब तक 2.5 अरब लोगों को संपर्क किया है और 74 देश अपने देश की मिट्टी को बचाने के लिए सहमत हो गए हैं। भारत में 15 लाख से ज्यादा बच्चों ने देश की मिट्टी और उनके सामूहिक भविष्य को बचाने के लिए कार्यवाही करने हेतु प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है।
मिट्टी बचाओ अभियान का मुख्य मकसद सारे देशों पर जोर डालना है कि तत्काल नीति सुधारों के जरिए कृषि-भूमि में कम से कम 3-6 प्रतिशत तैविक तत्व का होना जरूरी बनाया जाए। इस न्यूनतम जैविक तत्व के बिना, मृदा वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मिट्टी की मृत्यु पक्की है, एक ऐसी घटना जिसे वे ‘मिट्टी-विलोपन’ बता रहे हैं। सद्गुरु ने मार्च में मिट्टी बचाओ अभियान शुरू किया था और सेव-सॉयल के लिए समर्थन जुटाने के लिए 27 देशों से होकर यात्रा की और नेताओं, राजनीतिज्ञों, वैज्ञानिकों और नागरिकों से मिले।