उत्तर प्रदेशबड़ी खबरलखनऊ

बिजली कम्पनियां अभी तक टैरिफ प्रस्ताव नहीं दाखिल की, नियामक आयोग नाराज

  • उपभोक्ता परिषद ने आयोग के सख्त तेवर पर जताई खुशी, कहा, खुद फंसना नहीं चाहती कम्पनियां

लखनऊ। बिजली कम्पनियों द्वारा टैरिफ प्रस्ताव न दाखिल करने पर नियामक आयोग ने कड़ी नाराजगी जतायी है। आयोग ने पूछा है कि पावर कारपोरेशन व सभी बिजली कम्पनियां टैरिफ प्रस्ताव दाखिल न करने की स्थिति में विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं के बीच में क्या प्रस्ताव ले जाएगा ? क्या आपत्तियां और सुझाव मांगेगा। आयोग ने यह टिप्पणी मांगे गये टैरिफ प्रस्ताव के बावजूद बिजली कम्पनियों द्वारा न दिये जाने पर की है। विद्युत नियामक आयोग ने यह भी विधिक सवाल उठा दिया है कि आने वाले समय में राज्य सलाहकार समिति की बैठक बिजली दर के मुद्दे पर होनी है, ऐसे में ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक समिति के सामने जब तक कोई टैरिफ प्रस्ताव नहीं होगा, समिति के सदस्य उस पर क्या बहुमूल्य मत देंगे?

विद्युत उपभोक्ता समिति के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पहले बिजली कम्पनियां पूरा पल्ला झाड़कर नियामक आयोग के माथे सब थोपना चाहती थीं, लेकिन आयोग की टेढ़ी नजर होने के कारण कम्पनियां फंसती जा रही हैं। एक तरफ बिजली कम्पनियों पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का रुपया 20,596 करोड़ रुपए सरप्लस है, जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद की याचिका पर बिजली दरों में कमी के लिए पहले ही जवाब तलब किया है। वहीं दूसरी तरफ बिजली कम्पनियों टैरिफ प्रस्ताव दाखिल करने से बच रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए 11.8 प्रतिशत वितरण हानियों पर टैरिफ का निर्धारण किया था ।बिजली कम्पनियां पुनः लगभग 20 प्रतिशत वितरण हानियों पर एआरआर का प्रस्ताव लेकर आयोग में क्यों गई है, जो अपने आप में चौंकाने वाला मामला है। प्रदेश की बिजली कम्पनियों का ट्रू-अप अथवा एआरआर में 6700 करोड़ निकला है। जैसे उसे 11. 8 प्रतिशत वितरण हानियों पर लाया जाएगा उसी दौरान बिजली कम्पनियों का गैप जीरो हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की बिजली कम्पनियों द्वारा इंटर स्टेट ट्रांसमिशन चार्ज जो लगभग 85 पैसा प्रति यूनिट से लेकर रुपया एक प्रति यूनिट तक आ रहा है। यह अपने आप में बड़ा जांच का मामला है, जिस प्रदेश में इंटर स्टेट ट्रांसमिशन चार्ज रुपया एक प्रति यूनिट पहुंच जाए, उस स्टेट में बिजली खरीद कितनी महंगी होगी। इसका आकलन करना भी बहुत कठिन है। उसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा। सब मिलाकर देखना दिलचस्प होगा कि 18 अप्रैल को प्रदेश की बिजली कम्पनियां टैरिफ प्रस्ताव घटाने का अथवा बढ़ाने का क्या दाखिल करती हैं ? उस पर प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की नजर होगी।

Zee NewsTimes

Founded in 2018, Zee News Times has quickly emerged as a leading news source based in Lucknow, Uttar Pradesh. Our mission is to inspire, educate, and outfit our readers for a lifetime of adventure and stewardship, reflecting our commitment to providing comprehensive and reliable news coverage.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button