उत्तर प्रदेशलखनऊ

यूपी में नहीं बढ़ेंगी बिजली की दरें, विद्युत नियामक आयोग का फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर है। विद्युत नियामक आयोग ने यूपी पावर कारपोरेशन के बिजली की दर बढ़ाने सम्बन्धी प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है। गुरूवार को आयोग की तरफ से इस आशय के प्रस्ताव को ख़ारिज किया गया है। इससे प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ता राहत महसूस करेंगे। उत्तर प्रदेश उपभोक्ता परिषद् की तरफ से इस प्रस्ताव के लिए नियामक आयोग को धन्यवाद भी दिया गया है। अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं का 33 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सरप्लस बिजली कंपनियों के पास है। ऐसे में बिजली दरों को बढ़ाने का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने इस फैसले को उपभोक्ताओं के लिए बड़ी जीत बताया है।

उत्तर प्रदेश में लगातार चौथे साल बिजली के बिल का अतिरिक्त बोझ उपभोक्ताओं की जेब पर नहीं पड़ेगा। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के 18 से 23 प्रतिशत की बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव को खारिज कर बिजली दरों में कोई भी बदलाव न करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि नोएडा पावर कंपनी क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 प्रतिशत की कमी की गयी है जबकि विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कर्मचारियों यानी विभागीय कार्मिकों काे बिजली के बिल में दी जा रही रियायतों काे खत्म करते हुये सभी के घरों मे अनिवार्य रूप से मीटर लगाने का भी आदेश जारी किया है।

नियामक आयोग के फैसले से बिजली दरों में बढोत्तरी की अटकलें स्वत: समाप्त हो गयी है। वर्तमान में घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिये 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले 5.50 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिल का भुगतान करते हैं जबकि 101 से 150 यूनिट तक बिजली का खर्च भी 5.50 रूपये के हिसाब से होता है हालांकि 151 से 300 यूनिट तक के लिये बिजली की दरें छह रूपये प्रति यूनिट और 300 यूनिट से अधिक के लिये 6.50 रूपये प्रति यूनिट के हिसाब से हैं। गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले उपभोक्ताओं के लिये बिजली की दरे 100 यूनिट तक तीन रूपये प्रति यूनिट निर्धारित हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद की ज्यादातर मांगों को मान लिया है, जिस प्रकार से नोएडा पावर कंपनी के क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 10 प्रतिशत की कमी की गई है, यदि उसी प्रकार पावर कारपोरेशन द्वारा विद्युत नियामक आयोग में उपभोक्ताओं के निकल रहे रुपया 25133 करोड पर अपीलेट ट्रिब्यूनल में मुकदमा दाखिल करने का शपथ पत्र दाखिल किया गया होता तो आज प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की भी बिजली दरों में भी भारी कमी हो जाती लेकिन उपभोक्ता परिषद की यह सबसे बडी जीत है कि प्रदेश में उपभोक्ताओं के निकल रहे सरप्लस पर नोएडा पावर कंपनी में बिजली दरें कम करके आगे का रास्ता खोल दिया है।

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