
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश सरकार में पांच बार कैबिनेट मंत्री व दशकों तक पूर्वांचल की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश के पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए।उल्लेखनीय है कि मंगलवार को 88 वर्ष की आयु में उनके गोरखपुर के धर्मशाला स्थित आवास हाता पर उनका निधन हो गया था। हरिशंकर तिवारी लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे। वह अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन की सूचना पर बड़ी संख्या में समर्थक श्रद्धांजलि देने हाता पहुंचे। निधन की सूचना पर समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई।
हाता पर देर रात तक बड़ी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचते रहे। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत कई लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। है। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक मंगलवार की शाम को तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने हाता पहुंचकर पंडित हरिशंकर तिवारी के स्वास्थ्य की जांच की। शाम साढ़े छह बजे उन्होंने आखिरी सांसें लीं। आज सुबह उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनार्थ सुबह दस बजे हाता से उनके चिल्लूपार स्थित गांव टांड़ा और फिर बड़हलगंज स्थित नेशनल इंटर कालेज लाया गया।
बड़हलगंज स्थित मुक्तिपथ पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। बड़हलगंज के ग्राम टांड़ा निवासी पंडित हरिशंकर तिवारी के नाम चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से लगातार छह बार चुनाव जीतने का रिकार्ड है। 1985 में जेल से विधानसभा चुनाव जीतने वाले देश के पहले विधायक बने । इसके बाद 1989, 1991, 1993, 1996, 2002 तक विधायक रहे। 2007 व 2012 में चिल्लूपार में चुनावी हार का सामना करने के बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी। पूर्वांचल की राजनीति में ब्राह्मणों में अच्छी पैठ रखने वाले पंडित हरिशंकर तिवारी 1997 में राजीव शुक्ला, श्याम सुंदर शर्मा और बच्चा पाठक के साथ अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के संस्थापक सदस्य रहे।
1998 के बाद पंडित हरिशंकर तिवारी हर राजनीतिक दल की जरूरत बन गए थे। प्रदेश में जिसकी भी सरकार बनी उसमें वह मंत्री बनते रहे। सूबे में जब जगदम्बिका पाल एक दिन के मुख्यमंत्री बने थे उस दौरान भी श्री तिवारी मंत्री बने थे। 1998 में कल्याण सिंह की सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री थे। 2000 में जब राम प्रकाश गुप्त मुख्यमंत्री बने तब स्टाम्प रजिस्ट्रेशन मंत्री बनाया गया। 2001 में जब राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री हुए तब उनकी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। 2002 में मायावती सरकार में और 2003 में मुलायम सरकार में भी मंत्री रहे।