लखनऊ तक ज्ञानवापी मस्जिद मामले की गूंज, मुस्लिम मंच ने की अपील
लखनऊ। वाराणसी के बांसफाटक स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के मामले की गूंज लखनऊ तक है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में लखनऊ के मौलानों की अलग अलग राय सामने आयी है। वहीं देशभर में कार्य करने वाला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने किसी विदेशी हुक्मरान से रिश्ता जोड़ने को गुनाह बताते हुए अमन की अपील की है।
ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मुल्क में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के नाम पर लंबे वक्त तक सियासत हुई है। जिसका परिणाम सामने आया कि हिंदू और मुसलमान के बीच दूरियां पैदा हुईं। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के सिलसिले में जिस तरह की सियासत हो रही है, इसे सियासी एजेंडा ही कहा जायेगा। यह तमाम चीजें हमारे मुल्क के मुस्तकबिल के लिए और मुल्क के भाईचारे के लिए मुनासिब नहीं हैं।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मौलाना प्रकोष्ट के राष्ट्रीय संयोजक सैय्यद मोहम्मद इरफान फिछौछवी, राष्ट्रीय संगठन संयोजक स्वामी मुरारी दास, मौलाना कारी आफात आलम ने कहा कि हक के साथ आओ, हक को अमल करो। खुदाई की किताब कुरान की रोशनी में चलो। हिन्दुस्तान में कभी भी इस्लाम की कोई हुकुमत नहीं थी। इस्लाम हुकुमत का मजहब नहीं है, वो इबादत, अमन, मोहब्बत, तालीम, तहजीब, मोहब्बत ए वतन का मजहब है।
उन्होंने कहा कि कुरान पाक हमें सिखाता हैं कि किसी नाजायज जमीन पर मस्जिद खड़ी की गयी तो अल्लाह नमाज कबूल नहीं करेगा। वहां नमाज हराम है। जो लोग विदेशी आक्रमणकारियों मुगलों से हिन्दुस्तान में पैदा होने के बाद भी रिश्ते जोड़ते हैं, वह गुनाहगार है। ज्ञानवापी मंदिर में बनी मस्जिद नाजायज है। वहां विदेशी हुक्मरान के बनाये मस्जिद के साथ खड़ा होकर गुनाह नहीं करना चाहिए। एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष हसीन हाशमी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि बनारस में ज्ञानवापी मस्जिद में जो वीडियोग्राफी हुई हैं, वह सिर्फ और सिर्फ विवाद को उत्पन्न करना है। स्वास्थ्य, बेरोजगारी, शिक्षा, महंगाई की वीडियोग्राफी होनी चाहिये।
उन्होंने कहा कि ये मन्दिर, मस्जिद कब तक होगा। गीता और कुरान अगर एक अलमारी में रख देंगे तो वह कभी आपस में नहीं लड़ेगे लेकिन आज गीता और कुरान मस्जिद और मंदिर के नाम पर लोगों की भावनाओं को आहत किया जा रहा है। दंगा भड़काने का कार्य कर रहा है। मेरी सब से यही अपील है 10 मई को कोर्ट के फैसले आने का इंतजार करें। इसी मामले में कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी के भी बयान सामने आये हैं। दोनों ही नेताओं ने अपने बयानों में अपनी बातों को रखा लेकिन उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी के विषय पर सरगर्मी बढ़ गयी है।