उत्तर प्रदेशवाराणसी

काशी में रविदास घाट पर दूसरा सीएनजी टर्मिनल बनेगा : हरदीप पुरी

  • केंद्रीय मंत्री ने नमोघाट पर सीएनजी बोट रैली को दिखाई हरी झंडी

वाराणसी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि काशी में रविदास घाट पर दूसरा सीएनजी टर्मिनल बनेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से जमीन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी होते ही पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पहल पर हरित ऊर्जा के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से रविवार शाम को नमो घाट पर आयोजित सीएनजी बोट रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा थी कि काशी में नाव डीजल की जगह सीएनजी से चले। आज बताते हुए खुशी हो रही है कि काशी में 580 नावें सीएनजी में तब्दील हो गईं हैं। डीजल की तुलना में सीएनजी अधिक कुशल ईंधन होने के कारण नाविकों को काफी बचत होती है। सीएनजी डीजल की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा माइलेज देती है। नाविक समुदाय ने इसका उपयोग कर अधिक रुपये की बचत की है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि काशी में नाव अभी सीएनजी से चल रहे हैं। वो समय जल्द आएगा जब यहां की नाव ग्रीन हाइड्रोजन से चलती दिखेगी। इंडिया एनर्जी वीक 2023” का आयोजन भारत के जी-20 की अध्यक्षता के दौरान बेंगलुरु में 6-8 फरवरी तक “ग्रोथ, कोलैबोरेशन, ट्रांजिशन” विषय के अंतर्गत किया जा रहा है। इसी के तहत लोगों को ऊर्जा और सीएनजी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से काशी में सीएनजी बोट रैली का आयोजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में काशी ने प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के तहत अपने स्वर्ण युग का पुनरुत्थान देखा है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर और विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक घाटों के जीर्णोद्धार और विकास जैसे अभूतपूर्व प्रयासों ने हमारी विरासत और संस्कृति के संबंध और सम्मान के साथ आधुनिक जीवन और पर्यटन के विकास को जोड़ा है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विश्वगुरु बनने की दहलीज पर खड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन की बदौलत आजादी के 100वें वर्ष में इसके 26 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कार्य कर रहा है। इसमें ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने के लिए जैव ईंधन, इथेनॉल, सीबीजी और सूर्य नूतन सोलर कुकटॉप पर कार्य करना, भारत के एक्सप्लोरेशन और उत्पादन फुडप्रिंट को बढ़ाना और ग्रीन हाइड्रोजन पर काम करना है।

उन्होंने कहा कि सीएनजी से चलने वाली नावें न केवल काशी आने वाले निवासियों, नाविकों और पर्यटकों के लिए स्वस्थ हवा देती हैं बल्कि यह हमारी पवित्र गंगा नदी और इसके पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवन को डीजल के रिसाव के जोखिम से भी बचाती हैं। सीएनजी इंजन प्रति किलोमीटर चलने पर डीजल संचालित इंजनों की तुलना में 18-20 फीसदी कम सीओटू का उत्सर्जन करता है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने बताया कि पीएनजी (घरेलू) कनेक्शन 2014 में 22.28 लाख से बढ़कर 2022 में एक करोड़ से अधिक हो गए हैं। सीजीडी कवर जिलों की संख्या 2014 में 66 से बढ़कर 2022 में 630 हो गई है। भारत में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 में 783 से बढ़कर अब 2022 में 4900 हो गई है। इसी तरह देश के अंदर 2014 में 14 हजार किमी पाइपलाइन का विस्तार था। अभी 23 हजार किमी तक पाइपलाइन का विस्तार हो गया है और आने वाले समय इसे 34 हजार किमी तक ले जाने की योजना है।

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि काशी में गंगा पर यह सीएनजी बोट रैली दुनिया के लिए भारत की संस्कृति, विरासत और ऊर्जा परिवर्तन का प्रदर्शन है। कार्यक्रम में मौजूद उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने नावों को सीएनजी में तब्दील करने सहित पेट्रोलियम और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में किए गए कार्यों के लिए आभार जताया।

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