उत्तर प्रदेशहरदोई

हरदोई: 19.55 लाख बच्चे खाएंगे एलबेण्डाजॉल की खुराक

हरदोई। 10 फरवरी यानी कल कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डीवार्मिंग-डे) के तहत चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) में ज़िले में 3893 सरकारी,5556 गैर सरकारी स्कूलों और 3930 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 19 लाख,55 हज़ार 686 बच्चों को एलबेण्डाजॉल की खुराक दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य महकमें के साथ-साथ पूरा प्रशासनिक अमला जुटा हुआ है। 10 फरवरी के बाद छूटे हुए बच्चों को 13 से 15 फरवरी को माप अप राउंड में खुराक खिलाई जाएगी।

बताते चलें कि पिछले साल राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर ज़िले को 19 लाख,55 हज़ार,686 का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन तब भी तमाम कोशिशों के बाद 16 लाख 5516 बच्चों ने एलबेण्डाजॉल की खुराक खाते हुए ज़िले के खाते में 60 प्रतिशत लक्ष्य इकट्ठा किया था। कार्यक्रम प्रभारी मोहम्मद एहसान ने बताया है कि 1 से 5 साल तक के सभी बच्चों और 6 से 19 साल तक के स्कूलों से दूर रहने वाले, घुमंतू और ईंट-भट्ठे पर काम करने वालों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दवा खिलाई जाएगी।

उन्होंने आगे बताया कि सेहत के लिए एलबेण्डाजॉल की खुराक खिलाई जाती है। इससे पेट के कीड़े जो सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं, उन्हें बाहर निकाला जाता है। 10 फरवरी के बाद जो बच्चे छूट जाएंगे, उन्हें 13 से 15 के बीच माप अप राउंड के तहत खुराक दी जाएगी। आरकेएसके के नोडल अधिकारी डा. समीर वैश्य ने खुराक के बारे में बताया कि 1 से 2 साल तक के बच्चों को आधी और 2 से 19 साल वालों को एलबेण्डाजॉल की पूरी गोली खिलाई जाएगी। गोली पानी से निगल कर नहीं, बल्कि उसे चबा कर या पीस कर खिलाई जानी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल ज़िले को 19 लाख 55 हज़ार 686 बच्चों को खुराक खिलाने का लक्ष्य दिया गया था। लेकिन 60 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल हुआ था। इस साल फिर वही लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए सिर्फ स्वास्थ्य महकमें के ही नहीं बल्कि प्रशासनिक अमले के अफसर अफसर पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं। इसके लिए ब्लाक से ले कर ज़िला मुख्यालय पर ताबड़तोड़ बैठकें हो रहीं हैं।

खाली पेट भी खिला सकते हैं खुराक

दवा कोई भी हो, उसके खाने के लिए खाली पेट होने पर आना-कानी की जाती थी। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि एलबेण्डाजॉल की खुराक के लिए एमडीएम का इंतज़ार करना ज़रूरी नहीं है। उसका दावा है कि खाली पेट एलबेण्डाजॉल की खुराक खाने से कोई दिक्कत नहीं होगी।

कृमि संक्रमण से कैसे करें रोक-थाम

खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का इस्तेमाल करें।
अपने आस-पास साफ-सफाई रखे।
साफ पानी से फल और सब्ज़ियों को धोएं।
. हमेशा साफ पानी पियें,खाने को ढक कर रखें।
. नाखूनों को साफ रखें और उन्हें काटते रहें।
खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद हाथ साबुन से धोएं।

कृमि संक्रमण का असर

कृमि संक्रमण होने से बच्चों, किशोर और किशोरियों में कुपोषण और खून की कमी होने लगती है।जिसके चलते हमेशा थकावट रहती है।  इस वजह से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास नही हो पाता है।

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