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रिलायंस पावर का टैरिफ जनरेशन याचिका पर सुनवाई 45 दिन के लिए टली

  • नियामक आयोग ने संशोधित याचिका दाखिल करने के दिये आदेश

लखनऊ। रिलायंस पावर की रोजा कम्पनी की मल्टी ईयर टैरिफ जनरेशन याचिका की सार्वजनिक सुनवाई में विदेशी कोयले के निर्यात का मुद्दा छाया रहा। विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ मुद्दे पर रोजा कम्पनी से पुन: संशोधित याचिका दाखिल करने के आदेश दिये। इसके साथ ही कहा कि अब इसकी सुनवाई 45 दिन बाद कराई जाएगी अर्थात अब प्रदेश में रिलायंस का बिजली बिल बढ़ाने का मामला 45 दिन के लिए टल गया।

सुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने रोजा पावर द्वारा पूर्व में खरीद की गई विदेशी कोयले का विवरण सार्वजनिक करने की मांग उठाई और साथ ही पूर्व में रिलायंस द्वारा विदेशी कॉल की खरीद पर ईडी द्वारा की गई जांच का खुलासा करने को कहा। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि रिलायंस की रोजा पावर टैरिफ याचिका को पुनः संशोधित करे, इसके बाद सुनवाई हो। इसको नियामक आयोग मान गया और रोजा को पुन: संशोधित टैरिफ दाखिल करने को कहते हुए 45 दिन बाद सुनवाई का समय दे दिया।

मल्टी ईयर टेरिफ जेनरेशन रेगुलेशन के तहत रिलायंस की रोजा पावर सप्लाई कम्पनी लिमिटेड की वर्ष 2019- 20 से वर्ष 2023 -24 टैरिफ याचिका पर आज उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह व सदस्यगण कौशल राज शर्मा व वी के श्रीवास्तव की उपस्थिति में सार्वजनिक सुनवाई हुई। इसमें पावर कारपोरेशन सहित रिलायंस की रोजा पावर कम्पनी के उच्चाधिकारियों व वरिष्ठ वकीलों ने भाग लिया ।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की तरफ से अपनी बात रखते हुए यह दलील पेश की कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा रिलायंस पावर रोजा की सभी इकाइयों के ट्रू-अप याचिका पर आदेश जारी किया जा चुका है। ऐसे में रिलायंस की रोजा पावर कम्पनी को अपनी टैरिफ की पूरी याचिका को ट्रू-अप में अनुमोदित आकड़ों के आधार पर संशोधित करने के उपरांत पुनः दाखिल करना चाहिए।

इसमें सभी आंकड़े वेबसाइट पर उपलब्ध हो और उनसे सम्बंधित साक्ष्य भी उपलब्ध कराए जाए। इसके बाद ही टैरिफ की सुनवाई पुनः शुरू होनी चाहिए। पावर कारपोरेशन की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक ने भी यह मुद्दा उठाया कि रिलायंस द्वारा बहुत से आंकड़े छिपाए गए हैं। इसलिए पुनः पूरी याचिका को संशोधित कराया जाए।

अंततः विद्युत नियामक आयोग ने आदेश दिये कि रिलायंस द्वारा पुनः पूरी याचिका व प्रपत्र को संशोधित कराने के उपरांत सभी प्रपत्र वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जायं और उसके बाद सभी पक्ष उस पर अपनी आपत्तियां और सुझाव 15 दिन में पेश करें। नियामक आयोग द्वारा पुनः 45 दिन के बाद सार्वजनिक सुनवाई बुलाई जाएगी। उसके उपरांत ही मल्टी ईयर टेरिफ याचिका को अंतिम रूप दिया जाएगा।

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