पिठासीन अधिकारी के रैली में जाने का मामला, हाईकोर्ट ने निलंबन के आदेश पर लगाई रोक, कॉलेज को वेतन देने के दिए निर्देश
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसभा चुनाव में नियुक्त पीठासीन अधिकारी के एक राजनीतिक पार्टी की रैली में शामिल होने पर निलंबित करने के कॉलेज प्रबंधक के आदेश रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कार्यकारी प्रधानाचार्य का कार्य करने देने और नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि, यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लाला बाबू मेमोरियल इंटर कॉलेज सीधीपुर हापुड़ के प्रधानाचार्य सुनील दत्त शर्मा की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. कोर्ट ने केंद्र और राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने जांच जारी रखने और याचिकाकर्ता को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ता लोकसभा चुनाव में पीठासीन अधिकारी है, इसी बीच उसने राजनीतिक दल की रैली में हिस्सा लिया, जिस पर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व हापुड़ ने डीआईओएस के माध्यम से कार्रवाई का आदेश दिया. और कॉलेज प्रबंधक ने याची के खिलाफ जांच का निर्देश देते हुए उसे निलंबित कर दिया. राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने आदेश में कहा कि, याची सरकारी सेवक है इसलिए पीठासीन अधिकारी होते हुए उसने चुनाव रैली में हिस्सा लेकर कदाचार किया है.
याची का कहना था कि, वह कॉलेज का कार्यकारी प्रधानाचार्य है. सरकार ने ही शासनादेश जारी कर अध्यापकों को चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति दी है. याची सरकारी सेवक नहीं है. विधिक आधार के बिना उसे निलंबित किया गया है. जिस समय वह रैली में गया था, उस समय वह पीठासीन अधिकारी का कार्य नहीं कर रहा था. इस पर कोर्ट ने याची को राहत देते हुए याचिका पर जवाब मांगा है.