सपा की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में 300 नामों पर हुई चर्चा, BJP से आ रहे विधायकों को मिलेगा मौका!
यूपी विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है और दिल्ली में बीजेपी तो लखनऊ में समाजवादी पार्टी की पहले चरणों के लिए कैंडिडेट फ़ाइनल करने के लिए अहम बैठक जारी हैं. मंगलवार को समाजवादी पार्टी की टिकटों के वितरण को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में काफी गहमागहमी देखी गई. बैठक में प्रथम चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की 73 सीटों के लिए टिकटों पर दावेदारों के नाम पर चर्चा हुई. प्रदेशभर से दावेदार यहां 2 दिन से ही डेरा जमाए हैं, हालांकि सबसे बड़ा चर्चा का विषय BJP छोड़कर सपा जॉइन कर रहे स्वामी प्रसाद मौर्या और तीन विधायक ही रहे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक दोपहर एक बजे खत्म हुई. इस दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के 300 दावेदारों के नाम पर स्क्रीनिंग कमेटी ने विचार-विमर्श किया. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल से गठबंधन की सीटों को लेकर भी फॉर्मूला निकालने की कोशिश की गई. इस दौरान रालोद के साथ सीट शेयरिंग के दौरान साथ मिलकर लड़ने से संबंधित रणनीति पर भी चर्चा हुई. मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर बाद मुलायम सिंह यादव खुद पार्टी मुख्यालय पहुंचे. मुलायम सिंह यादव करीब एक घंटे तक मुख्यालय के लोहिया सभागार में बैठे रहे और कार्यकर्ताओं से बातचीत की.
टिकट बंटवारे पर अंतिम फैसला नहीं
ABP न्यूज़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की. देर शाम तक अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव समेत कई वरिष्ठ नेता मुख्यालय पर ही मौजूद रहे. दिन भर बैठक के बाद भी टिकटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हो सका है. असल में बीजेपी छोड़कर सपा में आ रहे सिटिंग बीजेपी विधायकों को टिकट देने पर चर्चा जारी है. स्वामी प्रसाद मौर्या ने दावा किया है कि करीब दर्जन भर विधायक बीजेपी छोड़ने के लिए तैयार हैं ऐसे में सपा फिलहाल टिकटों पर फ़ाइनल मुहर लगाने से बच रही है.
BJP को लगा है बड़ा झटका!
उधर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को झटका लगा है. कई विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. करीब सात विधायक बीजेपी का दामन छोड़ चुके हैं, जबकि स्वामी प्रसाद मौर्या भी मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. बीजेपी से तीन विधायकों से इस्तीफ़ा दिया है जिनमें शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा, बांदा जिले की तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति और कानपुर के बिल्हौर से विधायक भगवती प्रसाद सागर शामिल हैं. रोशन लाल वर्मा लोधी समाज से आते हैं और लगातार तीन बार से इस सीट से विधायक हैं. वे 12 सितम्बर 2016 को बीएसपी से बीजेपी में आए थे.
बृजेश प्रजापति कि बात करें तो वे कुम्हार समाज से आते हैं और पहली बार विधायक बने हैं. वे स्वामी प्रसाद मौर्या के करीबी हैं और बसपा सरकार में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रहे हैं. बृजेश 2016 में ही मौर्य के बीजेपी में आने के बाद बसपा से बीजेपी में आए थे. उधर भगवती प्रसाद सागर कानपुर के बिल्हौर से विधायक हैं. वे पूर्व मंत्री हैं और 4 बार के विधायक हैं. वे एससी में धोबी समाज से आते हैं और झांसी जिले से भी विधायक रह चुके हैं. साल 2016 में ही मौर्या के बीजेपी में आने के बाद बसपा से बीजेपी में आए थे.