
नासिक/संतकबीरनगर। टू नेशन थ्योरी एक बहुत ही गलत और संकीर्ण सोच वाला विचार था। देश की स्वतंत्रता के पूर्व अग्रेजो की इसके पीछे की मंशा भारत को सुपर पावर बनने से रोकने की थी जिसे अंग्रेजो ने भांप लिया था। जिसके नतीजे मे भारत- पाकिस्तान के बीच एक दूसरे के प्रति घृणा की भावना उत्पन्न हुई।उक्त बाते स्वीडन मे रहने वाले वरिष्ठ लेखक ,पत्रकार।विचारक व राजनीतिक टिप्पणीकार डां इश्तियाक अहमद ने कहीं।उन्होंने कहा कि विभाजन के समय पंजाब प्रान्त मे 80 प्रतिशत तक रक्त पात हुआ,अँग्रेजों ने जो आग लगाना चाहा था, दोनों देशों के राज नेताओं ने मिलकर उनकी गलत दिशा को पूरा कर ही दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबासाहेब डा.अंबेडकर ने देश को दिये गये संविधान के कारण यहां का लोकतंत्र बहुत मजबूत हुआ है, 1952 से भारत मे सत्ता की स्थापना चुनावो के माध्यम से होती रही है। उन्होंने द स्टोरी ऑफ टू ब्रदर्स लॉस्ट इन द फेयर में दो भाइयों की सच्ची कहानी के द्वारा बतायी,उनमे से महिंद्रा जो भारत आया, वह एक बड़ा व्यवसायी बन गया,जबकि दूसरा मलिक गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बना। वह इंडिया-पाकिस्तान एंड देयर डिफरेंट सोशियो-पॉलिटिकल और ट्रैजेक्टरीज के’एक सुझाव’विषय पर बोल रहे थे। इस समय वह भारतीय लोकतंत्र की प्रचंड ताकत को बता रहे थे।
कुंभ के मेले मे खोये दो भाइयो की कहानी भले ही भारत – पाकिस्तान थी,लेकिन भारत मे आज भी सभी जाति धर्म के लोग हैं और उनके अलग – अलग सामाजिक,धार्मिक रास्ते कल भी न्याय पूर्ण थे और आज भी है, और आगे भी रहेंगे और वहीं पाकिस्तान, धर्म के नाम पर बना देश आज बहुत जर्जर और कमजोर हो चला है। उन्होंने 10,मई 2023 को एम्स चेरिटेबल ट्रस्ट,भारतीय हितरक्षक सभा,खिदमते खल्क फाउंडेशन,स्पेलियर इंटर नेशनल स्कूल,फैजाने औलिया फाउंडेशन एवं रिलेक्सो डोमस्वेयर कम्पनी द्वारा आयोजित समारोह को सम्बोधित किया और यहाँ पर उपस्थित लोगों से जोर डालते हुए उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही और उन सभी के सवालों का खूब मजबूती से जवाब भी दिया।
उन्होंने बताया कि आज भारत का शिक्षा स्तर 82% तक पहुँच चुका है जबकी कट्टर धार्मिक देश पाकिस्तान अभी 60% भी नहीं पहुँचा है, जबकि वहाँ पे शिक्षित का मतलब सिर्फ दस्तखत करना भी माना जाता है। ज्यादा से ज्यादा स्कूल और कॉलेज खोलें और शिक्षा पे ध्यान दें,कोई भी देश हो शिक्षा से ही महान बनता है। इस अवसर पर प्रेम की जिन्दगी की महत्ता मे सिंगर सरस्वती मोहिते”ले देके अपने पास फकत इक जिन्दगी तो है और उजाला आ रहा है” गीत के माध्यम से भाईचारे सद्भावना को बढ़ावा देने का अथक प्रयास किया गया। इस अवसर पर अबदुल्लाह खान, पटेल, अजमल, सचिन जोशी, किरण मोहिते, मौलाना सलीम, एडवोकेट काजी सर सहित तमाम स्कूलो के प्रधानाध्यापक, मुक्ता मोहिते, गजल खान,तंजिला खान आदि उपस्थित रहे।