उत्तर प्रदेशलखनऊ

जलशक्ति मंत्री ने गंगा किनारे हुए कार्यों का मांगा ब्योरा, कहा- जल की हर बूंद संजोएं

लखनऊ। जलशक्ति विभाग ने उत्तर प्रदेश में अर्थ गंगा की अवधारणा को सौ फीसदी जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली है। मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने गंगा के दोनों किनारों पर किये गये कार्यों की समीक्षा के निर्देश दिये। साथ ही विभिन्न विभागों के साथ समायोजन कर अब तक गंगा किनारे हुए कार्यों का ब्योरा भी मांगा। उन्होंने अफसरों से इसकी सूची बनाकर देने के लिए कहा। उन्होंने अफसरों से कहा कि अर्थ-गंगा परियोजना से किसानों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीणों के आर्थिक और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। यूपी के विकास में योगदान देने के लिए विभाग को इस कार्य को तेजी से आगे बढ़ाना होगा।

जल निगम मुख्यालय में नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति और भूगर्भ जल विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में जल शक्ति मंत्री का जोर सबसे अधिक जल बचाने पर रहा। उन्होंने बैठक में मौजूद अफसरों से कहा कि पानी पीते समय अपने ग्लास में पानी न छोड़ें, जल है तो ही जीवन है। उन्होंने भूगर्भ जल बचाने के लिए सामाजिक संगठनों को साथ लाने के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने पिछली बैठक में जल बचाने के लिए दिये गये निर्देशों और उनकी प्रगति की जानकारी भी ली।

जलशक्ति मंत्री ने अफसरों को अपने कार्यों से विभाग की छवि बदलने के लिए कहा। उन्होंने नदियों को निर्मल बनाने के अभियान के तहत गंगा में गिरने वाले नालों की टैपिंग और एसटीपी के संचालन और उसकी सतत निगरानी के निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय इंजीनियरों को टैप किये गये सभी नालों और संचालित ट्रीटमेंट प्लांटों के एक-एक मिनट के वीडियो मौके पर बनाकर भेजने के भी निर्देश दिये हैं।

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति और भूगर्भ जल विभाग की मासिक समीक्षा बैठक में मंगलवार को बड़ा निर्णय लिया है। योजनाओं को समय पर पूरा कराने के लिए उन्होंने कार्य के आधार पर विभागीय इंजीनियरों का ए, बी, सी, डी कैटिगिरी में बांटने के निर्देश भी दिये हैं।

उन्होंने कहा कि जिन विभागीय इंजीनियरों की योजनाएं समय से आगे चल रही हैं उनको ‘ए’ कैटिगिरी में रखा जाए। जिनकी योजनाएं लक्ष्य पर हैं वो ‘बी’ कैटिगिरी में, जो लक्ष्य से नीचे हैं वो ‘सी’ कैटिगिरी में और जो लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे हैं उनको ‘डी’ कैटिगरी में रखा जाए। उन्होंने कहा कि अलग-अलग कैटिगिरी में बांटकर इंजीनियरों के कार्यों की बराबर समीक्षा की जाएगी।

नमामि गंगे के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जायेगा। सभी परियोजनाओं को लक्ष्य के अनुरूप पूर्ण कराया जायेगा। बैठक में राज्यमंत्री रामकेश निषाद, प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, एमडी जल निगम डॉ बलकार सिंह और नामामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिशासी निदेशक अखण्ड प्रताप सिंह सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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